मौलासर को उपखण्ड का दर्जा दिया जाए और उपखण्ड अधिकारी की नियुक्ति की जाए।
जलदाय विभाग का सब डिवीजन कार्यलय खोला जाए ताकि मौलासर की जनता को जलदाय विभाग से संबंधित समस्या के निवारण के लिए डीडवाना नहीं जाना पड़े। मौलासर में महिला एवं बाल विकास कार्यालय खोला जाए। नागौर जिले के 13 ब्लॉकों में यह कार्यालय खुले हुए हैं, लेकिन मौलासर में कार्यालय नहीं खुला है। ब्लॉक की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कुचामन और डीडवाना में बांटा गया है। ऐसे में उन्हें खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौलासर में कॉ-ऑपरेटिव बैंक की शाखा खोली जाए। कृषि संबंधि ऋृण के लिए किसानों को डीडवाना चक्कर लगाने पड़ रहा है। मौलासर में सरकारी कॉलेज खोला जाए ताकि निजी कॉलेजों की मनमानी फीस से मौलासर क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को मुक्ति मिल सके। मौलासर पंचायत समिति में लघु एवं सीमांत किसानों के टाका निर्माण करवाया जाए। ग्राम सेवा सहकारी समितियों से किसानों को तुरंत ऋण मिलना चाहिए।
जनप्रतिनिधियों ने की सहराना
जलदाय विभाग का सब डिवीजन कार्यलय खोला जाए ताकि मौलासर की जनता को जलदाय विभाग से संबंधित समस्या के निवारण के लिए डीडवाना नहीं जाना पड़े। मौलासर में महिला एवं बाल विकास कार्यालय खोला जाए। नागौर जिले के 13 ब्लॉकों में यह कार्यालय खुले हुए हैं, लेकिन मौलासर में कार्यालय नहीं खुला है। ब्लॉक की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कुचामन और डीडवाना में बांटा गया है। ऐसे में उन्हें खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौलासर में कॉ-ऑपरेटिव बैंक की शाखा खोली जाए। कृषि संबंधि ऋृण के लिए किसानों को डीडवाना चक्कर लगाने पड़ रहा है। मौलासर में सरकारी कॉलेज खोला जाए ताकि निजी कॉलेजों की मनमानी फीस से मौलासर क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को मुक्ति मिल सके। मौलासर पंचायत समिति में लघु एवं सीमांत किसानों के टाका निर्माण करवाया जाए। ग्राम सेवा सहकारी समितियों से किसानों को तुरंत ऋण मिलना चाहिए।
जनप्रतिनिधियों ने की सहराना
राजस्थान पत्रिका के चेंजमेकर महाअभियान की जनप्रतिनिधियों ने जमकर सहराना की। प्रधान जालाराम भाकर व सरपंच हनुमान पूनिया ने कहा कि पूरी तरह से दूषित हो चुकी राजनीति को स्वच्छ करने का बीड़ा जो राजस्थान पत्रिका ने उठाया है वह काबिले तारिफ है। उन्होंने कहा राजनीति के साथ कई सालों से चल रही एक जैसी व्यवस्था वर्तमान में सड़ चुकी है। अब समय आ गया है राजनीति में लोकनीति को स्थान मिलना चाहिए। इसे राजस्थान पत्रिका ने चेंजमेकर अभियान के माध्यम से बढ़ाने का प्रयास किया है।