कार्यक्रम की तैयारियां पूरी
संघ पदाधिकारी व कार्यकर्ता दिन भर शारदापुरम में कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे रहे। कार्यकर्ताओं की बैठक व्यवस्था के लिए विशाल पांडाल तैयार किया गया है। संघ के कार्यक्रम में राजस्थानी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश द्वार से लेकर बौद्धिक स्थल, वाहन पार्किंग स्थल, भोजनशाला आदि हर जगह पर राजस्थानी भाषा में लिखे बोर्ड नजर आएंगे। खास बात यह है कि जूट की बोरियों को बोर्ड को रूप देकर उस पर चूना कली से नाम लिखे गए हैं। कार्यक्रम स्थल पर उपयोग में आने वाली सामग्री में राजस्थानी संस्कृति वाली वस्तुओं को प्राथमिकता दी गई है।
प्लास्टिक फ्री होगा शिविर
संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत के पांच दिवसीय प्रवास कार्यक्रम प्लास्टिक मुक्त होगा। गौरतलब है कि मार्च 2016 में हुई प्रतिनिधि सभा के कार्यक्रम में किसी भी कार्य के लिए प्लास्टिक उपयोग में नहीं लिया गया। यहां तक कि संघ परम्परा के अनुसार भोजन व्यवस्था के लिए एकत्र किए जाने वाले भोजन पैकेट के लिए भी प्लास्टिक की थैलियां काम में नहीं ली गई। बौद्धिक कक्ष में लगे पर्दे पर मीरां बाई, लोक देवता तेजाजी, जम्भेश्वर महाराज, संत लिखमीदास महाराज, अमरसिंह राठौड़ आदि के छायाचित्र लगाए गए हैं।