समय-समय पर बदलते हैं सिक्के
रिजर्व बैंक ने कहा है कि लोगों की लेन-देन की जरूरतों को पूरा करने के लिए समय-समय पर चलन में लाए जाने वाले सिक्कों की विशेषताएं अलग होती हैं। वे विभिन्न विचारों, आर्थिक, सामाजिक और संस्कृति से प्रेरित होती हैं। सिक्के लंबी अवधि के लिए चलन में बने रहते हैं। सिक्के अलग-अलग डिजाइन और आकार के जारी किए जाते हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट है कि कुछ तबकों में ऐसे सिक्कों को लेकर संदेह है और इसके कारण कुछ व्यापारी दुकानदार और लोग सिक्के स्वीकार नहीं करते। इससे देश के कुछ हिस्सों में सिक्कों का उपयोग और चलन बाधित हुआ है।
बैंक सिक्के लेने से मना नहीं करे
रिजर्व बैंक ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं दें और इन सिक्कों को बिना झिझक वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करें। फिलहाल विभिन्न आकार-प्रकार व डिजाइन के 50 पैसा, 1 रुपया, 2 रुपया, 5 रुपया और 10 रुपए की राशि के सिक्के चलन में हैं। केंद्रीय बैंक ने बैंकों से यह भी कहा है कि वे सिक्के बदलने आने वाले ग्राहकों को अपनी शाखाओं से नहीं लौटाएं। नोट और सिक्कों को बदलने के बारे में आरबीआई के परिपत्र में बैंकों को सलाह दी गई है कि किसी भी बैंक शाखा को छोटी राशि के नोट या सिक्कों को लेने से मना नहीं करना चाहिए। हालांकि आरबीआई को बैंक शाखाओं द्वारा सिक्कों को स्वीकार नहीं करने के बारे में शिकायतें मिलती रही हैं।
ले रहे हैं सिक्के
आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार बैंक में सिक्के लिए जा रहे हैं। ग्राहकों को सिक्के लेने से इनकार नहीं किया है। दो दिन में ही साढे चार लाख के सिक्के लिए हैं।
केआर मीणा, शाखा प्रबंधक, एसबीआई