वहीं, जब ग्रामीणों ने दूध की थैलियों पर पैकिंग डेट चेक की तो चौंकाने वाला सच सामने आया। बताया गया कि दूध की थैलियों पर पैकिंग की अवधि समाप्त हो चुकी थी। इसके बावजूद बच्चों को एक्सपायरी डेट का दूध पिलाया जा रहा था। इसी बीच सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण स्कूल पहुंच गए और स्टाफ के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने दोषी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की।
इधर, सूचना मिलने पर डीडवाना के सीबीईओ अर्जुनराम डूकिया भी स्कूल पहुंचे और स्टाफ से उक्त विषय में जानकारी ली। सीबीईओ ने बताया कि प्रथम दृष्टया सामने आया है कि बच्चों को एक्सपायरी डेट का दूध पिलाया जा रहा था। हालांकि, चुनाव के कारण एक्सपायरी डेट का दूध और नए स्टॉक का दूध एक साथ रखा गया था। इसी वजह से एक्सपायर्ड दूध जल्दबाजी में बांट दिया गया होगा। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।