खींवसर. पिछले 37 साल में बेलगाम अपराध बढ़े, जनसंख्या भी तीन गुना हो गई और तो और हादसे भी चौगुने हो गए। यहां स्थित खींवसर फोर्ट में वीआईपी लोगों के आवागमन को लेकर एस्कोर्ट का
काम भी बढ़ गया तो जमीनी विवादों ने पुलिस को परेशान कर रखा है। पुलिस की नफरी तो दशकों पुरानी है पर कामकाज और अपराध का आंकड़ा आसमान छू रहा है। ऐसे में हालात यह है कि पुलिस बड़े विवाद को सुलझाने जाती है तो पीछे थाना संतरी के भरोसे चलता है। पुलिस थाने के स्वीकृत होने के दौरान 1978 की नफ री यथावत है। स्वीकृत पदों पर भी आधे पुलिसकर्मी लगे हुए हैं। स्थिति यह है कि महिला सिपाही तक नहीं है। ऐसे में आवश्यकता पडऩे पर जिला मुख्यालय से महिला सिपाही बुलानी पड़ रही है।
ये हैं मौजूदा हालातमौजूदा स्थिति में खींवसर पुलिस थाने में एक उप निरीक्षक, दो सहायक उप निरीक्षक, दो हैड कांस्टेबल, दो वाहन चालक व 21 सिपाही है। इस स्टॉफ के भरोसे 49 गांवों की जिम्मेदारी है। इनमें कम्प्यूटर ऑपरेटर, रोजनामचा कार्य, एसएचओ एलसी कार्य, कोर्ट एलसी, रिकॉर्ड संधारण व दो जनों को संतरी का काम करना पड़ता है।
ये बढ़े गांवपुलिस थाना बनने के दौरान स्वीकृत नफ री तो यथावत है जबकि यहां जनसंख्या तीन गुना होने के साथ 11 नए राजस्व गांव बन गए हैं। इनमें जसवंतनगर, भादुओं की ढाणी, मगरावास, रूप नगर, नयापुरा, गोदारों की ढाणी, जगरामपुरा, बेनीवालों की ढाणी, जोगीनाडा, मगरे वाली ढाणियां व सियागों की ढाणी नए गांव बने हैं।
फूल जाते हैं हाथ-पांवकई बार थाना क्षेत्र में एक साथ दो बड़ी घटनाएं हो जाने पर पुलिस के हाथ-पांव फूल जाते हैं। कई बार नफ री की कमी के चलते पुलिस अपराध नहीं रोक पाती, सिपाहियों की कमी के कारण नाकेबंदी व अपराधियों की धर पकड़ में आरोपी भाग निकलते है, लेकिन सरकार ने इसको कभी गम्भीरता से नहीं लिया है।
यह है स्वीकृत पदउप निरीक्षक-एक, सहायक उप निरीक्षक-तीन, हैड कांस्टेबल-पांच, सिपाही- 33
खाली पड़े कई पद पर्याप्त मात्रा में सिपाही लगाए जाएं तो अपराध पर पूर्णतया अंकुश लगने के साथ पुलिस को भी राहत मिल सकती है। खींवसर राजमार्ग पर स्थित होने के कारण यहां बड़ी मात्रा में सडक़ हादसे एवं जमीनी विवादों के चलते पुलिस को दिनरात ड्यूटी करनी पड़ रही है। स्वीकृत पद भी रिक्त चल रहे हैं।
रमेशसिंह, थाना प्रभारी खींवसर Home / Nagaur / आबादी ज्यादा और राजस्व गांव बनने पर भी नहीं बढ़ी नफरी