सूत्रों के अनुसार राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण के निर्णय के बाद गृह विभाग और वित्त विभाग ने पुलिस मुख्यालय को शेडो पदों की स्वीकृति के आदेश दिए। रिव्यू बोर्ड से नागौर के करीब ढाई सौ एएसआई और डेढ़ सौ हैड कांस्टेबल को पदोन्नति मिलेगी। इस पदोन्नति का उन्हें सात-आठ साल से इंतजार था। कांस्टेबल से हैड कांस्टेबल पद पर पदोन्नति के बाद रिक्त पदों पर भर्ती होगी। इस तरह से करीब चार सौ एएसआई-हैड कांस्टेबल को पदोन्नति मिलने समेत करीब एक हजार पुलिस कार्मिकों को इस निर्णय से लाभ होगा।
सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2012-13 में जिला नागौर में कांस्टेबल से हैड कांस्टेबल पद पर चयनित अभ्यर्थियों को वर्ष 2013-14 में कांस्टेबल की वरीयता क्रम अनुसार समायोजित किया गया। जिससे उक्त अभ्यर्थियों की वरिष्ठता अत्यधिक प्रभावित होने से मामला बिगड़ गया। गैलेंट्री अवार्ड से एएसआई बने महावीर सिंह समेत कुछ अन्य ने इस संबंध में अदालत में याचिका दायर की। इसके बाद अदालत ने आदेश दिए कि काल्पनिक पद का गठन कर नियमानुसार योग्य को पदोन्नति दी जाए। इसके बाद सरकार ने इसके खिलाफ अपील दायर कर दी। चार-पांच साल में अदालत/अधिकरण के आदेश पर अब सरकार सहमत हो गई है।
इससे कई समस्याओं का निदान होगा सूत्रों का कहना है कि अनुसंधान का काम संभालने वाले एएसआई पूरे जिले में स्वीकृत पदों का पंद्रह फीसदी भी नहीं हैं तो हैड कांस्टेबल के पद भी सौ से अधिक रिक्त हैं। सरकार के खिलाफ लड़ी इस कानूनी लड़ाई में प्रमोशन रोक दिए गए। इसकी चपेट में कई कार्मिक वो भी आए जो अब रिटायरमेंट की दहलीज पर हैं। एक अनुमान के मुताबिक किसी भी मामले का अनुसंधान एएसआई/हैड कांस्टेबल ही करते हैं, आलम यह है कि हर थाने में एएसआई के पद खाली हैं और हैड कांस्टेबल भी स्वीकृत पदों के मुकाबले आधे ही हैं। इस नए निर्णय से पदोन्नति के सात रिक्त पद भी भरे जाएंगे ।
इनका कहना छाया पद की स्वीकृति मिलने के बाद रिव्यू बोर्ड गठित कर दिया गया है। इसके तहत प्रक्रिया जारी है, जल्द ही रुके हुए प्रमोशन सहित अन्य कार्यों का निस्तारण होगा। -नारायण टोगस, एसपी नागौर