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विधायकों को पसन्द नहीं रोडवेज में यात्रा

locationनागौरPublished: Jan 15, 2019 06:45:22 pm

Submitted by:

Dharmendra gaur

दो साल में 87 पूर्व विधायक व सहयोगियों ने किया सफर

Nawa News

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नावां शहर. आमजन को सुरक्षित व सुलभ सफर कराने का दावा करने वाली रोडवेज बस में विधायकों को सफर करना पसन्द नहीं है। यदि आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2017 व 2018 में एक भी विधायक ने रोडवेज में सफर नहीं किया। उक्त बसों में केवल पूर्व विधायकों ने अपने सहयोगियों के साथ सफर किया है। डीडवाना डिपो के अधीन 87 पूर्व विधायकों ने अपने सहयोगियों के साथ सफर किया। डीडवाना डिपो के अधीन 61 बस संचालित है। उक्त बसों में से मात्र 57 बस ही रूट पर चलती है। प्रत्येक बस में विधायक के लिए एक सीट सुरक्षित रहती है ताकि कोई भी विधायक या मंत्री आए तो उसे बैठने के लिए सीट आसानी से मिल जाए। यही नहीं प्रत्येक बस में विधायक के साथ एक सहयोगी भी नि:शुल्क सफर कर सकता है। बाद में संबंधित डिपो विधायक या पूर्व विधायक के सफर करने के बदले दी पर्ची को रोडवेज मुख्यालय भेजता है। फिर मुख्यालय उक्त पर्चियों को विधानसभा देता है, जहां भुगतान कर दिया जाता है। हालात यह है कि अब तक एक भी विधायक ने रोडवेज बस में सफर नहीं किया। सफर करने वालों में पूर्व विधायकों की संख्या भी ज्यादा नहीं है। डीडवाना डिपो के अधीन 87 पूर्व विधायकों ने अपने सहयोगियों के साथ सफर किया है। इनमें भी कई पूर्व विधायकों ने अकेले ही सफर किया है।
इस तरह से करते सफर
प्रत्येक विधायक या पूर्व विधायक को रोडवेज बसों में अपने सहयोगी के साथ सफर करने के लिए विधानसभा से पर्ची दी जाती है। वर्तमान या पूर्व विधायक की हरे कलर व सहयोगी की सफेद कलर की पर्ची दी जाती है। वे जब भी रोडवेज बस में सफर करते है तो किराया देने के बदले पर्ची भरकर परिचालक को दे देते हैं। इससे परिचालक किराया वसूल नहीं करता है। वह पर्ची परिचालक रोडवेज कार्यालय में देता है। यहां से कई सारी पर्चियां इक_ी होकर मुख्यालय भेज दी जाती है।
चौपहिया गाड़ी की आवश्यकता
समय बदल रहा है। परिवहन के साधनों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। आज कारों की मांग बहुत ज्यादा है। ऐसे में विधायकों के पास अपनी कारें हैं। रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान विधायक के पास कार्य की अधिकता रहती है। उसे प्रतिदिन बैठकों, जनसमस्याओं को सुनने व कार्यक्रमों को संबोधित करने जाना पड़ता है। अत: रोडवेज बस में जाने से समय अधिक लग जाता है। विधायक को उसे अलग से भत्ता भी मिलता है। अत: वह स्वयं के चौपहिया वाहन में जाना पसन्द करता है।
इनका कहना
वर्तमान विधायकों के पास कार्य की अधिकता ज्यादा रहती है। समय ज्यादा लगने के कारण वह बसों के बजाय अपनी कारों से सफर करते है। जबकि पूर्व विधायक अपने सहयोगियों के साथ रोडवेज बसों की सेवाओं का लाभ उठाते हैं।– पंकज बसंल मुख्य प्रबन्धक, रोडवेज डिपो, डीडवाना

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