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नागौर

हिन्दी दिवस पर कई कार्यक्रम

बांगड़ महिला महाविद्यालय में हिन्दी दिवस मनाया

नागौरSep 14, 2018 / 06:49 pm

Dharmendra gaur

Didwana News

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डीडवाना. शहर की अलग-अलग संस्थाओं में हिन्दी दिवस के मौके पर कई कार्यक्रम हुए। इस क्रम में शहर के बांगड़ महिला महाविद्यालय में हिन्दी दिवस मनाया गया। हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. भारती शर्मा ने सभी छात्राओं को हिन्दी भाषा के मूल्यों तथा वर्तमान में हिन्दी भाषा की स्थिति से अवगत कराया साथ ही अपने दैनिक जीवन में हिन्दी भाषा को अपनाने की बात कही। इस मौके पर वाद-विवाद एवं आशुभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वाद-विवाद प्रतियोगिता में शिवानी गौड़ प्रथम, रेखा शेखावत द्वितीय व पुजा कुमारी तृतीय स्थान पर रही। आशुभाषण प्रतियोगिता में पायल शर्मा प्रथम, रेखा शेखावत द्वितीय व निशा भाटी तृतीय स्थान पर रही। सीमा तिवारी, गौतम पिडिय़ार, इमरान ने निर्णायक की भूमिका निभाई। प्राचार्या डॉ. रेणुसिंह ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित किया। शहर के बांगड़ राजकीय महाविद्यालय में विश्वभाषा की राह एवं हिंदी विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डॉ. गजादान चारण ने कहा कि संख्या की दृष्टि से देखें तो विश्व में सवा अरब से अधिक लोग हिंदी बोल समझ सकते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. चंद्रप्रकाश गौड़ ने विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में हिंदी के योगदान एवं उपादेयता के बारे में बताया। डॉ. एन. आर. ढाका ने भारतवर्ष एवं राजस्थान राज्य में होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी भाषा एवं साहित्य के ज्ञान की महत्ता पर विचार व्यक्त किए। डा. जहाँगीर रहमान कुरैशी ने हिंदी के साहित्य को जीवनमूल्यों का साहित्य कहते हुए बताया कि हिंदी भाषा में सृजन करना इंसान के भीतर इंसानियत का विकास करना है। डॉ. अरुण व्यास ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अटलबिहारी वाजपेयी द्वारा हिंदी में दिए गए भाषण के प्रसंग को साझा करते हुए कहा कि जब-जब हिंदी विश्व मंचों पर गूंजती है तो दिल को बेहद सुकून मिलता है। चेनाराम मुंदलिया ने ‘‘हिंदी की संवैधानिक स्थिति’’ विषय पर विचार व्यक्त किए। अनिल कुमार ने ‘हिंदी एवं सामाजिक समरसता’ के बारे में बताया। डॉ. रेखा वर्मा ने हिंदी को सांस्कृतिक उत्थान की भाषा बताते हुए कहा कि हिंदी संस्कारों का पोषण करने तथा उन्हें एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित करने का सशक्त माध्यम है। डॉ. शिखा अग्रवाल ने भाषाओं के पारस्परिक संबंधों की बात करते हुए कहा कि दुनिया की भाषाओं में परस्पर कोई मतभेद नहीं है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. मनीषा गोदारा ने संस्कृत एवं हिंदी के अंतर्संबंधों के बारे में बताया। इस मौके पर महावीर, निकिता गौड़, कृष्णा अग्रवाल, प्रकाश जाखड़ व मानाराम सहित विद्यार्थियों ने कविता प्रस्तुति दी।

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