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नागौर

VIDEO…शहर की प्रमुख सडक़ों पर से गायब होते फुटपाथ में बीच सडक़ पर होता आम का सफर

शहर के प्रमुख बाजारों में सफर हुआ मुश्किल, सामान्य यातायात व्यवस्था भी हो रही प्रभावित

नागौरNov 19, 2023 / 10:17 pm

pushpendra tiwari

Nagaur news

Mango journey takes place in the middle of the road with footpaths disappearing from the main roads of the city

-सडकों पर होते अस्थाई अतिक्रमण से शहर का रंग हो रहा बदरंग
-बाजार में फुटपाथ गायब होने के चलते अव्यवस्थित हो रहे शहरी ढांचे में सिकुड़ते रास्ते में मुश्किल हुआ सफर
फुटापाथ सुविधा के अभाव नागौर शहर का बिगड़ा चेहरा, अव्यवस्थित हुआ यातायात
-सुगन सिंह सर्किल से लेकर केंद्रीय बस स्टैंड तक जिम्मेदारों ने गायब कर दी है फुटपाथ की जगह
नागौर. शहरी विकास का दावा करने वाले जिम्मेदारों की बेपरवाही शहर के प्रमुख स्थानों की जगह से फुटपाथ को ही गायब कर दिया गया। अब स्थिति यह है कि सुगन सिंह सर्किल से लेकर केन्द्रीय बस स्टैंड तक कहीं पर भी फुटपाथ नजर नहीं आता है। फुटपाथ की जगह वाहन सडक़ों के किनारे सफर करने में लोगों को मुश्किलें होने लगी हैं। स्थिति इतनी खराब हो गई है इसकी वजह से सडक़ों पर अस्थाई अतिक्रमण होने के कारण अब पैदल चलने की जगह ही नहीं मिल पा रही है। विशेषकर बाजारों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। स्थिति यह है कि पुराने शहर यानि की परकोटे के अंदर बने बाजारों में एक सिरे से नजर डालने पर पूरे बाजार में कहीं भी फुटपाथ नजर नहीं आता है।
शहर के विभिन्न स्थानों में बने व्यवसायिक एवं आवासीय श्रेणी में आने वाले क्षेत्रों में फुटपाथ की व्यवस्था पूरी तरह से गायब हो चुकी है। सुगन सिंह सर्किल से लेकर केन्द्रीय बस स्टैंड के चौराहे तक नजर डालने पर फुटपाथ की जगह तलाश करने के बाद भी कहीं भी नजर नहीं आता है। अव्यवस्था के चलते हालात इतने खराब है कि लोगों को पैदल तक चलने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। विशेषकर तिगरी बाजार, तहसील चौक, गांधी चौक, ए रोड, बी रोड, मानासर चौराहा, सुगन सिंह सर्किल, नया दरवाजा, कलक्ट्रेट रोड, किले की ढाल, सदर बाजार, सर्राफा बाजार, पंसारी बाजार एवं पुराना जिला अस्पताल मार्ग आदि क्षेत्रों में से फुटपाथ मिलता ही नहीं है।
जानजोखिम में डाल कर सडक़ पर चल रहे राहगीर
इसे विंडबना ही कही जाएगी कि शहर में करोड़ों रुपये खर्च के बनाए गए सडक़ों के बावजूद राहगीरों के फर्राटा भरते वाहनों के बीच जान जोखिम में डाल कर सडक़ पर ही पैदल चलने मजबूर है। हाल ये है कि कलेक्ट्रेट से लेकर सुगन सिंह सर्किल, मानासर चौराहा, दिल्ली दरवाजा मूण्डवा चौराहा से विजयबल्लभ चौराहा जाने वाले रास्तों के दोनों तरफ के फुटपाथ पर सब्जी, फल, पान, चाय, हेलमेट सहित अन्य सामान बेचने वालों ने कब्जा कर लिया है। यही नहीं, बल्कि तिगरी बाजार, सदर बाजार पंसारी बाजार आदि क्षेत्रों में तो फुटपाथ पूरी तरह से गायब हो गए हैं।
जिम्मेदार बने उदासीन
अगर आप सडक़ पर चल रहे हैं तो आपको गाडिय़ों से बचते बचाते हुए चलना होगा। यही वजह है कि पैदल चलने वालों को अक्सर यह कहा जाता है कि जरा संभल कर चलना। जबकि वाहन तो असुरक्षित तरीके से दौड़ रहे हैं। रोड सेफ्टी को लेकर जागरूकता लाने के नाम पर जिला व पुलिस प्रशासन दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने की नसीहत जरूर देती है, लेकिन पैदल चलने वाले की सुरक्षा को लेकर अब तक ना तो प्रशासन ना ही एजेंसियों ने कोई कदम उठाया है।
फुटपाथ के अभाव में बनी असुरक्षा की स्थिति
सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट ने 2008 में किए गए एक सर्वेक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सडक़ पार करते समय 10 में से 9 पैदल चलने वाले अपने को असुरक्षित महसूस करते हैं। पैदल चलने वालों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद उनके लिए सडक़ पर सबसे कम जगह होती है। अब तो वह जगह भी छीन ली गई है। शहर में हाल ही में कुछ सडक़ों का कराया गया हैं, लेकिन इन सडक़ों पर पैदल चलने वालों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी गई है। शहर की पॉश कॉलोनियों में सडक़ों का विकास इस तरह किया जा रहा है कि सडक़ें चौड़ी दिखे, मगर पैदल चलने वालों के लिए यहां भी कोई फुटपाथ नहीं है।
शहर में यह मिले हालात
शहर में गुरुवार को पुराना जिला अस्पताल, सुगन सिंह सर्किल, मानासर चौराहा, कॉलेज रोड, दिल्ली दरवाजा अंदर व बाहर, विजयबल्लभ चौराहा, रेलवे स्टेशन चौराहा, गांधी चौक, पुलिस अधीक्षक आवास के पास एवं सदर बाजार आदि क्षेत्रों में शनिवार को पड़ताल के दौरान फुटपाथ के अभाव में आम पैदल राहगीर सडक़ तक पार करने के लिए संघर्ष करता नजर आया। इन जगहों पर खड़े वाहनों चलते सडक़ मार्ग के 25-30 प्रतिशत हिस्से तक पूरी तरह से अस्थाई अतिक्रमण नजर आया। विशेषकर गांधी चौक, किले की ढाल व सदर बाजार आदि क्षेत्रों में। बाजारों में बीच सडक़ फर्राटा भरते वाहनों के बीच जान जोखिम में डाल सडक़ पर सफर करते लोग नजर आए।
पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ क्यों नहीं है
अधिवक्ता गोविंद कड़वा का कहना है कि शहर में पैदल चलने वालों के लिए मुसीबतें बढ़ रही है। पुराने फुटपाथ जहां अतिक्रमण की भेंट चढ़ गए हैं। वहीं नई बनने वाली सडक़ों पर तो एजेंसियों ने फुटपाथ बनाना ही बंद कर दिया है। पैदल यात्री वाहनों की रेलमपेल में जान जोखिम में डालकर सडक़ पर चलने को मजबूर है। सदर बाजार में मिले राजाराम, शकुंतला देवी, रामप्यारी से बातचीत हुई तो कहा िजिस तरह से अब संकरी सडक़ों पर डिवाइडर बनाए जा रहे हैं, उससे सडक़ रही पैदल चलने की रही सही कसर भी पूरी हो गई है। सवाल यह खड़ा हो गया है कि सडक़ें क्या केवल वाहन चलाने वालों के लिए ही है, पैदल चलने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। कानून में तो कहां गया है कि सडक़ पर जितना अधिकार वाहन चालक का है उतना ही पैदल यात्री का भी है, तो फिर उसके लिए फुटपाथ क्यों नहीं? सरीखे सवाल शहरवासियों को परेशान करने लगे हैं।

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