scriptयोजना बदलते ही आने लगी लक्ष्मी | Lakshmi came to the same place as the plan changed | Patrika News

योजना बदलते ही आने लगी लक्ष्मी

locationचेन्नईPublished: Jun 06, 2017 12:07:00 pm

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​babulal tak

आगार का प्रतिदिन का राजस्व एक लाख २० हजार बढ़ा, मुख्यालय ने सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद दी अनुमति, मिले उत्साहजनक परिणाम, यात्रियों को भी अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए अब बसों का ज्यादा नहीं करना पड़ेगा इंतजार

Nagaur roadways

Nagaur roadways


 नागौर. जिला आगार की बसों के रूट में तीन हजार किलोमीटर की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी कर दी गई है। पहले केवल ३५ हजार किलोमीटर का रूट था, लेकिन अब ३८ हजार किलोमीटर का हो गया। इसकी वजह से आगार के राजस्व में सुधार हुआ है। पूर्व में रोजाना करीब साढ़े दस लाख का राजस्व अब ११ लाख ७० हजार तक पहुंच गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि रूट बढऩे की वजह से न केवल यात्रियों को अपने गंतव्यों पर जाने के लिए अब पहले से ज्यादा विकल्प मिलने के साथ सुविधाएं मिलने लगी है, बल्कि विभाग के राजस्व में भी उछाल आने से इसकी माली हालत भी पहले बेहतर हो गई है।आगार की कुल ९१ बसें अजमेर, जयपुर, बीकानेर, सीकर सहित अन्य रूटों पर विभिन्न जिलों के लिए संचालित होती हैं। पहले आगार का कुल रूट केवल ३५ हजार किलोमीटर का था। इससे निगम को रोजाना करीब साढ़े दस लाख का राजस्व प्राप्त होता था। जिले का आगार होने की वजह से केवल साढ़े दस लाख का ही राजस्व मिलने पर आलाधिकारियों ने नाखुशी जताई थी। राजस्व बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए, इसके बाद भी तमाम प्रयासों के बाद इसमें सफलता नहीं मिली। इस संबंध में निगम के आलाधिकारियों की हुई उच्च स्तरीय बैठक में आगार का रूट बढ़ाने जाने की योजना बनी। योजना को अंतिम रूप देने से पहले इसकी सर्वे रिपोर्ट मांगी गई। कहा गया कि आगार की कुल बसों के हिसाब से प्रति बस के राजस्व का आंकड़ा भी मांगा गया। प्रति बस राजस्व का आंकड़ा भेजने के बाद आगार का सर्वे किया गया। करीब पंद्रह दिन चले सर्वे के बाद इसकी स्क्रीनिंग कर रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी गई। सर्वे रिपोर्ट में यह उल्लिखित किया गया कि बसों की संख्या एवं इसकी भौतिक स्थिति को देखते हुए रूट बढ़ाया जा सकता है। रूट बढऩे की स्थिति में न केवल यात्रियों को सहूलियत होगी, बल्कि निगम का राजस्व भी खासा बढ़ेगा। रिपोर्ट मिलने के मुख्यालय स्तर पर गहन चर्चा के बाद आगार का राजस्व गत अप्रेल में दो हजार एवं मई में एक हजार और बढ़ा दिया गया। रूट बढ़ाने की मंजूरी दिए जाने के साथ ही इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट भी यथासमय दिए जाने के लिए कहा गया। ताकी यह पता चल सके कि इस फैसले का आगार पर क्या प्रभाव पड़ा। इसकी वजह से अब निगम का रोजाना का राजस्व एक लाख २० हजार बढ़ गया। इसकी रिपोर्ट भी मुख्यालय भेज दी गई।
यात्रियों को यह मिली सुविधानिगम के अधिकारियों के अनुसार पहले यात्रियों के पास लंबी दूरी के गंतव्यों तक पहुंचने के लिए बसों के शिड्यूल सीमित होने के कारण असुविधा होती थी, लेकिन अब अतिरिक्त शिड्यूल बढऩे से यात्रियों को ज्यादा विकल्प मिल गए। यही नहीं, बसों का ज्यादा इंतजार भी करना पड़ेगा। एक बस उनकी छूट गई तो उसी रूट पर जाने वाली अन्य बसें सहजता से मिल सकेगी।
इनका कहना है…

आगार की बसों का पहले कुल रूट ३५ हजार किलोमीटर था। अब इसमें तीन हजार रूट की और बढ़ोत्तरी कर दी गई है। इससे निगम का प्रतिदिन का राजस्व एक लाख २० हजार बढ़ा है।
हनुमानसिंह राजपुरोहित, मुख्य प्रबंधक नागौर आगार

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