गर्भावस्था के दौरान होता है रुबेला
कार्यशाला को डॉ. सुशीलकुमार पारीक ने बताया कि रुबेला रोग अधिकतर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होता है। जन्मजात रुबेला सिंड्रोम विकसित हो सकता है, जो भ्रूण और नवजात शिशुओं के लिए गंभीर और घातक साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान रुबेला से संक्रमित माता से जन्में बच्चे में दीर्घकालीन जन्मजात विसंगतियों से पीडि़त होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। जिससे आंखों में मोतियाबिंद, बहरापन व मस्तिष्क प्रभावित होते है। वहीं रुबेला से गर्भवती स्त्री में गर्भपात, अकाल प्रसव और मृत प्रसव की संभावनाएं बढ़ जाती है। इस मौके पर राजकीय सोमानी स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. शमशाद अली, बालिका स्कूल की प्रधानाचार्या गीता गण्डोत्रा, शिक्षक नरपतङ्क्षसह चांदावत, निजी स्कूल के हरीश शर्मा आदि शिक्षक उपस्थित रहे।
22 जूलाई से होगी अभियान की शुरूआत
चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद शर्मा ने बताया कि मौलासर ब्लॉक में खसरा व रुबेला अभियान के तहत 2 जुलाई से टीकाकरण की शुरूआत की जाएगी। इस दौरान 9 माह के बच्चे से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों को खसरे के टीके लगाए जाएंगे। चिकित्सा अधिकारियों एवं सरकारी व निजी स्कूलों के अध्यापकों की कार्यशाला में खसरा व रुबेला रोग के टीकाकरण को लेकर शत् प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने का आह्वान किया गया है। चिकित्सा अधिकारी डॉ. शर्मा ने बताया कि अभियान के प्रथम चरण के तहत पहले दो सप्ताह में स्कूलों में शिविर आयोजित कर टीके लागए जाएंगे।