कार्मिकों की कमी से अटका काम
अधिशाषी अभियंता (ईजीएस) अरुण सुराना की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मनरेगा योजना अंतर्गत विजन डॉक्यूमेंंट के अनुसार वर्ष 2017-18 तक के समस्त कार्यों, वर्ष 2018-19 के व्यक्तिगत लाभ के समस्त अपूर्ण कार्यों तथा वर्ष 2018-19 के 75 प्रतिशत सामुदायिक कार्यों को पूर्ण करवाना है। सभी कार्यक्रम समन्वयकों को प्रदेश भर में जिले वार अपूर्ण कार्यों की सूची में शामिल कार्यों की समीक्षा कर पूर्ण करवाना है। गौरतलब है कि मनरेगा के तहत स्वीकृति के बावजूद स्टॉफ की कमी, जीओ टेग का अभााव समेत कई तकनिकी कारणों से कई कार्य देरी से शुरू हुए और अभी तक प्रगति पर है या पूर्ण होने के बावजूद एमआईएस पर दर्ज नहीं हो पाए।
यह है प्रदेश में कार्यों की स्थिति
विभाग की ओर से जारी सूची के अनुसार वर्ष 2017-18 तक शुरू हो चुके कार्यों में प्रदेश भर में करीब एक लाख 76 हजार 285 कार्य मार्च 2020 तक पूरे किए जाने हैं। इनमें अजमेर में 1398, अलवर में 3658, बांसवाड़ा में 20124, बारां में 7257, बाड़मेर में 9232, भरतपुर में 2276, भीलवाड़ा में 7330, बीकानेर में 2894, बूंदी में 2821, चित्तौडगढ़ में 4032, चूरु में 4479, दौसा में 2726, धोलपुर में 1482, डूंगरपुर में 12567, हनुमानगढ में 1753, जयपुर में 6109, जैसलमेर में 3923, जालोर में 5447, झालावाड़ में 5425, झूंझूनु में 949, जोधपुर में 4650, करौली में 5532, कोटा में 2119, नागौर में 3332, पाली में 3239, प्रतापगढ़ में 6984, राजसमंद में 3634, सवाई माधोपुर में 982, सीकर में 2515, सिरोही में 2801, श्रीगंगानगर में 3036, टोंक में 8942 तथा उदयपुर में 22637 कार्य शामिल है।
पूर्ण करवाएंगे काम
राज्य सरकार के निर्देशानुसार अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करवाकर एमआईएस पर दर्ज करवाया जाएगा। कार्य में लापरवाही बरतने पर संबंधित स्तरीय अधिकारियों व कार्मिकों के विरूद्ध कार्रवाई करेंंगे।
जवाहर चौधरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद नागौर