महिलाओं को भी मिलेगा रोजगार का अवसर
जंगली पेड़ों के साथ करौंदा फल जल्द ही बहुतायात रूप से नजर आएगा। नागौर, कुचामन एवं मेड़ता के साथ ही जायल एवं परबतसर आदि क्षेत्रों में करौंदा का फल न केवल पक्षी खा सकेंगे, बल्कि अन्य लोग भी इन फलों का स्वाद ले सकेंगे। विशेषकर अचार आदि में इन फलों का अत्याधिक उपयोग किया जाता है। जंगल एरिया में उगे हुए करौंदा के फलों को तोडऩे पर भी कोई रोक-टोक नहीं रहेगी। ऐसे में महिलाएं जहां इनका अचार बनाने के कार्यों में उपयोग कर सकेंगी, वहीं अन्य घुमंतू लोग भी इसका अपने खाने में उपयोग कर सकेंगे।
खून बढ़ाता है-कोलेस्ट्राल नियंत्रित करता है करौंदा
करौंदा केवल अचार, चटनी, सब्जी या जूस आदि के ही नहीं काम आता है, बल्कि यह पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका भी निभाता है। विशेषज्ञों के अनुसार इसमें करौंदे में पाए जाने वाले गुण कब्ज और पेट गैस से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। बालों को हेल्दी रखने में मददगार है करौंदा। असल में इसमें मौजूद विटामिन सी और विटामिन ए बालों को जहां हेल्दी और चमकदार बनाने में मदद कर सकते हैं, वहीं कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण और वसा भी पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें सभी फलों से ज्यादा लौह तत्व भी पाया जाता है। करौंदे खाना दांतो और मसूड़ों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे दांत मजबूत होते हैं, और साथ में मसूड़े भी स्वस्थ रहते हैं. करौंदे के इस्तेमाल से सांस की दुर्गंध और पायरिया जैसी परेशानी दूर रहती है और दांतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। पेट संबंधी समस्त प्रकार की बीमारियों को समाप्त करने के साथ ही दस्त सरीखी समस्याओं में यह काफी उपयोगी होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने के साथ ही हीमोग्लोबिन एवं खून की कमी को दूर करता है। कोलेस्ट्रॉल के स्तर को यह नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। हाई ब्लडप्रेशर सरीखी बीमारियां इसके सेवन से नहीं हो पाती हे। इसके अलावा इसमें अधिक मात्रा में फाइबर होता है। जिस वजह से इसका यूज करने के बाद पेट काफी देर तक भरा सा महसूस होता है। जिससे कुछ और खाने की इच्छा नहीं होती है। इस कारण यह आपका वजन कंट्रोल करने में मदद करता है(