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खेत में अन्न ही नहीं होगा तो फिर क्या सोना-चांदी खाएंगे…!

locationनागौरPublished: Aug 25, 2019 01:25:01 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

नागौर. सर्वे में हुआ खुलासा, मूग, बाजरा, ग्वार एवं ज्वार की फसल चौपट

If there is no food in the field, then what will eat gold and silver

Nagaur Survey- moog, millet, guar and sorghum crop collapsed

नागौर. जिले में पिछले दिनों हुई बरसात ने किसानों की हालत बिगाडकऱ रख दी है। ख्ेातों में भरे पानी ने मूंग, ग्वार, बाजरा, ज्वार, कपास आदि की उपज में अत्याधिक खराबा हुआ है। कृषि विभाग एवं संबंधित बीमा कंपनी की ओर से हुए सर्वे में खराबा का औसत 60 से 90, और कई जगहों पर तो कुछ उपजों में 100 प्र्रतिशत तक हुआ है। इससे किसानों का न केवल खासा नुकसान हुआ है, बल्कि उत्पादन भी अब प्रभावित रहेगा।
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सर्वे में खराबा
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार गत दिवस आई बारिश किसानों की फसलों को चौपट कर चली गई। मूंग एवं कपास में अभी भी कई जगहों पर घुटनों से एक हाथ ऊपर तक पानी भरा हुआ है। काश्तकारों का कहना है कि बारिश ने उनकी उपज को बरबाद कर रख दिया। जैसे-तैसे जुगाड़ कर खरीफ की बुवाई करने वाले किसानों का कहना है कि बीमा राशि पहले तो जल्दी मिलती ही नहीं, और मिलती भी है तो उनके ही पूर्व में लिए ऋण में मर्ज कर दी जाती है। इससे बीमा राशि मिल भी गई तो वह उनकी स्थिति सुधरने वाली नहीं है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कृषि विभाग, बीमा कंपनी, किसान एवं पटवारियों की संयुक्त टीम में हुए सर्वे में हालात बेहद ही खराब पाए गए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि संबंधित पीडि़त किसान टोल फ्री नंबरों या कृषि विभाग के अधिकारियों को भी संपर्क कर खराबा की जानकारी दे सकते हैं। जानकारी मिलने पर सर्वे कराया जाएगा।
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किस गांव में, कितना खराबा
डाबरिया कलां, जावली, सिरसला, बासनी नेता, जारोडा कलां, जारोडा खुर्द, लाम्बा जाटान, रियाश्यामदास, मोकलपुर, कलरू, गगराना, पुन्दलु, जसनगर, पटेलनगर, ढाणी मालियान, मुंगदड़ा, फालकी, जसवंताबाद, सुरपुरा, लीलिया, गेमलियावास, भंवाल, डूकिया, धनेरिया लील, सोगावास, लांछ की ढाणी, शुभदण्ड, मेघादण्ड, पाण्डूखां, नयाखेड़ा, बीजण्डा की ढाणी, सारंगबासनी, कमा बासनी, बेदावड़ी कलां, डांगावास, गणेशपुरा, समदोलाव, कात्यासनी, आकेली ए, बासनी ब्यासा, चौकासनी, पादूखुर्द, केरिया माकड़ा, जड़ाऊ कलां, माणकियावास, कंवरियाट, पादूकलां, करकवाल, बासनी सुमेर, गवारडी, जोघडास खुर्द, हिंदास कलां, जैसास रोहिट, घोलेराव खुर्द, लाम्पोलाई, थाट, बग्गड़, अरनियाला, रलियावता, बैडास खुर्द, खेड़ा किशनपुरा, नेतडिय़ा, पांचडोलिया कलां, पांचडोलिया खुर्द, श्यामपुरा, खाखडक़ी, भूनियासनी, हिरणखुरी, ऊंचारडा कलां, सातलावास, रेण, पचकूटो की ढाणी, खैड़ुली, लाई, ढावा, इंदावड़, शेखासनी, बडग़ांव, लुणियास, बासनी कच्छावा, बीटन, रामलियावास, पीथास, चौहान नगर, कुरडाया, छापरी, धांधलास, मोररा, चावण्डिया कलां, मण्डावरा, जोधडास कलां, रासलियावास, चून्दिया, हिन्दास खुर्द, भानास, भैसड़ा खुर्द, बेणास, फतेहनगर, सियास, धनेरेडी, निम्बोला कलां, निम्बोला खुर्द, साण्डास, डूंगरास, देवला कलां, अलवास, पुन्दलौता, घाना, लोडियासर, ईडवा, थिरोद, खारडा, सोलियाना, इनाणा, रूपासर, अच्छूताई, खैण, खरनाल, पारासरा, चिमरानी, रातंगा, सोमणा, मांगलोद, बुगरडा, छापटा, टांगला, भादवा, नुआ, दुदोली आदि में सर्वे में खराबा मिला। इनमें नुआ एवं दुदोली में ही केवल बाजरा एवं मूंग, कपास में 30 से 35 प्रतिशत का खराबा हुआ है। जबकि अन्य गांवों व ढाणियों में खराबा का औसत 60से 100 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इनमें किसी में 70, 80, 90 तो कई जगहों पर यह औसत 100 प्रतिशत तक जा पहुंचा है।
खरीफ की बुवाई पूरी होने के बाद भी किसानों को नहीं मिला फसली ऋण
अब क्या करें, समझ में नहीं आ रहा
काश्तकारों में मोकलपुरा के काश्तकार रामअवतार व रामाकिशन ने बताया कि उनकी मूंग की उपज पूरी चौपट हो चुकी है। खेतों में घुटनो से भी ज्यादा कमर तक पानी भर गया था। अब तो कुछ बचा ही नहीं है।इसी तरह इंदावड़ के मोहनराम ने बताया कि उनकी भी मूंग की उपज पूरी सौ प्रतिशत चौपट हो गई। मोकलपुरा के रतनाराम ने बताया कि साहब हम तो बरबाद हो गए। कपास की पूरी फसल चौपट हो गई।
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इनका कहना है….
नागौर, कृषि विस्तार उपनिदेशक हरजीराम चौधरी ने बताया कि गांवों में संयुक्त रूप से किए गए सर्वे में मूंग, बाजरा, ग्वार ज्वार एवं कपास आदि की उपज को खासा नुकसान देखने को मिला है। बारिश ने कई जगहों पर तो पूरी फसल भी चौपट कर दी।

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