उन्होंने कहा कि देश में अन्न उत्पादन के अलावा देश की सीमा की रक्षाओं मे किसानों के बेटों ने शहादत दी, इसलिए हमें किसानों के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। बेनीवाल ने कहा कि आजादी के पहले सामन्तवाद उसके बाद अकाल के साये तो कभी बाढ़ से किसान पीडि़त रहा है। 70 सालों तक देश के किसानों को सपने जरूर दिखाए, लेकिन पूर्व की सरकारों ने किसानों के लिए केवल दिखावा किया।
उन्होंने 7 दिसम्बर 2016 को नागौर में आयोजित की गई किसान हुंकार महारैली का जिक्र करते हुए कहा कि देश में उस आंदोलन के बाद कर्जमाफी के आंदोलन को दिशा मिली और मध्यप्रदेश में भी आंदोलन हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए हर सम्भव बात की पहल केंद्र स्तर से की। सांसद बेनीवाल ने कहा कि 1 लाख 40 हजार करोड़ का बजट किसान कल्याण कोष पर खर्च होगा, जो बहुत बड़ा कदम साबित होगा।
फसली बीमा कम्पनियों का फर्जीवाड़ रोका जाए
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रारम्भ की, लेकिन बीमा कम्पनियां इसमें प्रीमियम तो ले लेती हैं, लेकिन क्लेम नहीं देती। साथ ही कम्पनियां बड़े स्तर पर किसानों के साथ धोखाधड़ी करके झूठा प्रीमियम भी ले लेती है। इन पर नियंत्रण लगाया जाए। साथ ही फसली बीमा की तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त की जाए। क्योंकि राजस्थान सहित कई प्रदेशों में तो अभी बारिश भी नहीं हुई, फिर किसान बिना फसल बोए बीमा कैसे करवाएगा।
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रारम्भ की, लेकिन बीमा कम्पनियां इसमें प्रीमियम तो ले लेती हैं, लेकिन क्लेम नहीं देती। साथ ही कम्पनियां बड़े स्तर पर किसानों के साथ धोखाधड़ी करके झूठा प्रीमियम भी ले लेती है। इन पर नियंत्रण लगाया जाए। साथ ही फसली बीमा की तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त की जाए। क्योंकि राजस्थान सहित कई प्रदेशों में तो अभी बारिश भी नहीं हुई, फिर किसान बिना फसल बोए बीमा कैसे करवाएगा।
किसान कल्याण योजनाओं का हो रिव्यू
सांसद ने कृषि मंत्री और कृषि राज्य मंत्री से सदन में कहा कि पिछले पांच सालों में किसानों के लिए जिन महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे पीएम कृषि सिंचाई योजना, फसल बीमा योजना, ई-नाम आदि की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने की, उनके और अधिक बेहतर परिणाम कैसे आए, इसलिए उनका रिव्यू करना बहुत जरुरी है। सांसद ने आर्थिक सर्वेक्षण-2018 की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में 14.2 करोड़ हैक्टेयर भूमि कृषि योग्य है और देश का 52 प्रतिशत हिस्सा अनियमित सिंचाई और मानसून पर निर्भर है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को और अधिक मजबूत तथा सक्षम बनाया जाए, साथ ही किसानों के हित में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएं, ताकि किसान की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
सांसद ने कृषि मंत्री और कृषि राज्य मंत्री से सदन में कहा कि पिछले पांच सालों में किसानों के लिए जिन महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे पीएम कृषि सिंचाई योजना, फसल बीमा योजना, ई-नाम आदि की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने की, उनके और अधिक बेहतर परिणाम कैसे आए, इसलिए उनका रिव्यू करना बहुत जरुरी है। सांसद ने आर्थिक सर्वेक्षण-2018 की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में 14.2 करोड़ हैक्टेयर भूमि कृषि योग्य है और देश का 52 प्रतिशत हिस्सा अनियमित सिंचाई और मानसून पर निर्भर है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को और अधिक मजबूत तथा सक्षम बनाया जाए, साथ ही किसानों के हित में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएं, ताकि किसान की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
मासिक आय बढ़ाने के हों प्रयास
बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान प्रदेश में 63 प्रतिशत किसान परिवार हैं और औसतन उनके पास 1.90 हैक्टेयर जमीन प्रति परिवार है। साथ ही 2016-17 में जहां उनकी मासिक आय 9 हजार रुपए के आसपास थी, इसमें भी कई किसानों की आय इससे भी कम थी, उसे बढ़ाने के लिए कारगर कदम उठाने की जरूरत है।
बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान प्रदेश में 63 प्रतिशत किसान परिवार हैं और औसतन उनके पास 1.90 हैक्टेयर जमीन प्रति परिवार है। साथ ही 2016-17 में जहां उनकी मासिक आय 9 हजार रुपए के आसपास थी, इसमें भी कई किसानों की आय इससे भी कम थी, उसे बढ़ाने के लिए कारगर कदम उठाने की जरूरत है।
भंडारण व्यस्थाओं का हो विकास
सांसद बेनीवाल ने कहा कि देश में भण्डारण की बुनियादी व्यवस्थाओं, सुविधाओं का अभी भी अभाव है और इस वजह से देश के कई हिस्सों में किसान की उपज बर्बाद हो जाती है। इसलिए इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
सांसद बेनीवाल ने कहा कि देश में भण्डारण की बुनियादी व्यवस्थाओं, सुविधाओं का अभी भी अभाव है और इस वजह से देश के कई हिस्सों में किसान की उपज बर्बाद हो जाती है। इसलिए इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।