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बरसों से भंवर सिंह बडे़ चाव से लगा रहे हैं पौधे

locationनागौरPublished: Jul 22, 2019 11:28:58 am

Submitted by:

Sandeep Pandey

डीडवाना. हरियाळी के लिए एक शख्स ने तमाम शौक ताक पर रख दिए। धुन एेसी कि पौधे लगाना उसके लिए सबसे अहम काम हो गया। पर्यावरण के प्रति उसका प्रेम लोगों के लिए मिसाल बन गया।

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डीडवाना. हरियाळी के लिए एक शख्स ने तमाम शौक ताक पर रख दिए। धुन एेसी कि पौधे लगाना उसके लिए सबसे अहम काम हो गया। पर्यावरण के प्रति उसका प्रेम लोगों के लिए मिसाल बन गया। ग्राम आगुन्ता निवासी भंवरसिंह राठौड़ एक-दो नहीं बल्कि हजारों पौधे लगा चुके है। कई पौधे अब विशाल वृक्ष बन चुके हैं। भंवरसिंह राठौड़ ने बताया बिना हरियाळी के जीवन की कल्पना नहीं है। यदि जीवन चाहिए तो हरियाळी होनी ही चाहिए। वर्ष 2006 में वे मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके है। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से पुरस्कार प्राप्त करने वाले भंवरसिंह न केवल स्वयं पौधरोपण करते है बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं।
भंवरसिह राठौड़ राजकीय विद्यालयों मे अलग-अलग जगह पर अध्यापक-प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य कर चुके हैं। वो जिस विद्यालय में भी कार्यरत रहे, वहां उन्होने पौधरोपण किया। इसकी शुरुआत उन्होंने डेगाना के पास राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मे पौधरोपण से की। यहां वो 20 सितम्बर 1976 से 26 अक्टूबर 1977 तक कार्यरत रहे। इस दौरान उन्होंने यहां पर 150 पौधे लगाए। इसके बाद ग्राम किरोदा के राजकीय विद्यालय मे 27 अक्टूबर से 7 सितम्बर 1979 तक 2 सौ पौधे लगाए। ग्राम सागु बड़ी के विद्यालय में 8 सितम्बर 1979 से 6 मार्च 1987 तक कार्य करते हुए 15 सौ पौधे लगाए। इसके बाद ग्राम लोरोली कलां के विद्यालय मे 7 मार्च 1987 से 28 फरवरी 1990 तक कार्य करते हुए 1 हजार पौधे लगाए। सागुबड़ी के विद्यालय में 1 मार्च 1990 से 24 अक्टूबर 1994 तक कार्य करते हुए 13 सौ पौधे लगाए। 25 अक्टूबर 1994 से 5 जून 2010 तक ग्राम आगुन्ता के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर कार्य करते हुए 25 सौ पौधे लगाए। इसके बाद ग्राम सिरासना के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मे 6 जून 2010 से 31 जुलाई 2011 तक कार्य करते हुए 2 सौ पौधे लगाए। इस प्रकार से भंवरसिंह राठौड़ अब तक कुल 6850 पौधे लगा चुके हैं।
इनका कहना है
लोगों को पौधरोपण व पौध-वृक्ष पालन के लिए प्रेरित करना ही जीवन का लक्ष्य बना रखा है। जितनी ज्यादा हरियाली होगी पर्यावरण भी उतना ही शुद्ध होगा। जिसके बाद पर्यावरण प्रदूषण निवारण तो होगा ही, पशु-पक्षियों को भी आश्रय मिलेगा। अब तक हजारो पौधे लगा चुका हूं। पौधे लगाता रहूंगा और लोगो को प्रेरित करता रहूंगा।
भंवरसिंह राठौड, आगुन्ता

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