नगर परिषद को लगाया चूना
होर्डिग के कारोबार में ठेकेदार के इशारे पर अफसर और नगर परिषद कर्मचारियों की पांचों अंगुलियां घी में है। मुनाफे के इस कारोबार में ठेकेदार, नगर परिषद के अफसर व कुछ कर्मचारी मालामाल हो रहे हैं, पर आम आदमी की जान आफत में आ गई है। होर्डिंंग के आंकड़े खुद इसकी तस्दीक कर रहे हैं। शहर में चुनिंदा स्थानों पर होर्डिग लगाने की अनुमति है लेकिन दो दिन पहले तक पूरा शहर होर्डिंग से अटा पटा पड़ा था। आचार संहिता लगने के बाद होर्डिंग, बैनर व पोस्टर पर जेसीबी जरुर चली लेकिन ठेका आज तक निरस्त नहीं हुआ। इस संबंध में शिकायत के बाद नगर परिषद के जिम्मेदारों ने कार्रवाई नहीं की।
रुपए ही जमा नहीं करवाए
नगर परिषद की ओर से एक साल की समयावधि के लिए करीब 17 लाख में ठेका जारी हुआ। होर्डिंग लगाने की निविदा जारी होने के समय 25 फीसदी राशि जमा करवाने का नियम है। उसके बाद एक निश्चित समयावधि में शेष राशि जमा करवानी होती है लेकिन ठेकेदार ने कई महीनों तक राशि जमा कराए बिना ही होर्डिंग लगाकर विज्ञापनदाताओं से मोटी राशि ले ली। इसके बावजूद नगर परिषद अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। सूत्रों का कहना है कि अवैध होर्डिग को लेकर नगर परिषद में शिकायत मिलने पर ठेकेदार उन लोगों से बातचीत कर किसी न किसी मौके पर उनके होर्डिग फ्री में लगा देता है ऐसे में वे भी चुप रहते हैं।
बाद में बताऊंगी
इस बारे में बाद में बताऊंगी, अभी कलक्टर साब के पास जा रही हूं। वैसे ठेकेदार को नोटिस तो दिया है।
अनिता बिरड़ा, आयुक्त, नगर परिषद नागौर