आखिर कार्रवाई क्यों नहीं
शहर को साफ सुथरा रखने का दावा करने वाली नगर परिषद के कर्मचारियों की आंखों सामने पूरे शहर में जब चाहे जहां चाहे दीवारों पर पोस्टर चिपकाकर उन्हें बदरंग किया जा रहा है। परिषद के पास संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन कार्रवाई करना तो दूर छात्रनेताओं को समझाना तक उचित नहीं समझा गया। जिसका खमियाजा शहर में देखने को मिल रहा है।
मकानों की दीवारें, खम्भें तक नहीं छोड़े
सरकारी भवनों की दीवारों को पोस्टर लगाकर पहले ही बदरंग किया जा चुका है। अब छात्रनेता शहरवासियों के निजी मकानों की दीवारों व बिजली के खम्भें तक को नहीं छोड़ रहे। काठडिय़ों का चौक, पिपली गली, तिगरी बाजार, बाठडिय़ों का चौक, पुराना हॉस्पिटल चौराहा सहित अन्य स्थानों की दीवारों पर अपने संगठनों का नाम रंग से लिख कर उम्मीदवार के लिए अपील कर रहे हैं। इस संबंध में शहरवासियों का कहना है कि आखिर इन सब पर कार्रवाई कब की जाएगी।
एनसीसी के जवानों ने दी हिदायत
गत 11 जुलाई को ‘एनसीसी के सामाजिक सरोकार- बने जिम्मेदार’ कार्यक्रम के तहत शहीद स्मारकों पर श्रमदान के दौरान छात्रनेताओं के पोस्टरों को बड़ी मश्क्कत से हटाया था। इसके बाद एनसीसी के जवानों ने यह प्रण लिया कि जो छात्रनेता स्मारकों को खराब करेगा उनका आगामी चुनावों में साथ नहीं दिया जाएगा।