पुनर्वास की बात पर माने पीडि़त
करीब एक घंटे तक कलक्टे्रट से मानासर तक यातायात बाधित रहा। इसके बाद खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में बंजारा समाज के लोग कलक्टे्रट पहुंचे। विधायक की मौजूदगी में समाज के प्रतिनिधियों की अतिरिक्त जिला कलक्टर के साथ वार्ता हुई। एडीएम ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कार्रवाई को जरुरी बताया। उन्होंने कहा कि पीडि़त परिवारों के पुनर्वास के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि जोधपुर उच्च न्यायालय में दायर याचिका के संबंध में जारी आदेश की पालना ने जिला प्रशासन के निर्देश पर ताऊसर के बंजारों की ढाणी में गत तीन दिन से अतिक्रमण हटाया जा रहा था। इससे पूर्व दोपहर ढाई बजे विधायक हनुमान बेनीवाल बंजारों की ढाणियों में पहुंचे और समाज के लोगों से मिलकर जानकारी ली। गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के आदेश की पालना में जिला प्रशासन के निर्देश पर तीन दिन तक अतिक्रमण हटाया गया। बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश में कई जगह गोचर, मगरों व सरकारी भूमि पर आबादी बसी हुई है। सरकार का काम किसी का घर बसाना है, उजाडऩा नहीं। सरकार उच्च न्यायालय में ढंग से अपना पक्ष रखती तो ऐसी नौबत नहीं आती। सरकार को कोर्ट में आबादी को लेकर वस्तु स्थिति से अवगत कराना चाहिए।
बंजारा समाज ने सौंपा ज्ञापन
खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल पीडि़त बंजारों को लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मात्र 10 लोगों को अंदर ले जाने की बात पर अड़े गए। विधायक भी सबको साथ ले जाने की बात पर अड़े रहे। उसके बाद विधायक सभी लोगों को शांतिपूर्वक कलक्ट्रेट परिसर के अंदर ले गए। वहां अतिरिक्त जिला कलक्टर अशोक कुमार से पूरे मामले को लेकर विस्तृत चर्चा की तथा प्रभावित लोगों के पक्ष में पूरी बात न्यायालय व सरकार के समक्ष रखने को कहा। उसके बाद एडीएम नागौर व विधायक बेनीवाल ने कार्यालय के बाहर समाज के लोगों से ज्ञापन लिया।
आजादी के बाद से है रहवास
शैतानराम, आत्माराम, मुन्नाराम, तेजाराम, भागीरथ समेत बड़ी संख्या में आए पीडि़तों ने कहा कि उनकी कई पीढियां बरसों से यहां रहती आ रही है। आजादी के बाद से उनके परिवारों को ग्राम ताऊसर के हापा की छतरी, सालग नाडा व रामनाडिया में बसाया गया। बंजारा परिवार पिछले पचास साल से यहां निवास कर रहे हैं। उनके पास राशन कार्ड,मतदाता कार्ड, घरों में विद्युत कनेक्शन आदि है। इसके बावजूद उनको राजनीतिक द्वेषतापूर्वक अतिक्रमी मानकर कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट के आदेश पर की गई इस कार्रवाई से वे बेघर हो जाएंगे। इसलिए सरकार इन परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था करे, क्योंकि उनके पास कहीं भी सिर छिपाने को जगह नहीं है।
विधायक ने की राजस्व मंत्री से बात
एडीएम से वार्ता के दौरान विधायक ने राजस्व मंत्री अमराराम चौधरी, राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा से दूरभाष पर वार्ता की तथा मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। राजस्व मंत्री ने कहा कि सम्बंधित मामले की पूरी जानकारी लेकर प्रभावित लोगों का पूरा पक्ष सरकार व न्यायालय में रखा जाएगा। बेनीवाल ने कहा कि जिले के आधे से ज्यादा गोचर व अंगोर क्षेत्र में भूमाफियाओं ने अवैध कब्जा कर रखा है। उनके सामने प्रशासन बेबस बना हुआ है। न्यायालय के निर्णय से आम आदमी प्रभावित हो रहा है तो प्रशासन को न्यायालय में वास्तवकिता रखनी चाहिए ताकि गरीब लोग बेघर नहीं हो।