कभी केन्द्र तक थी मिर्धा परिवार की धाक
मिर्धा परिवार के रामनिवास मिर्धा गुट से हरेन्द्र मिर्धा राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं वहीं इसी परिवार के दूसरे नाथूराम मिर्धा गुट के रिछपाल सिंह मिर्धा के लिए भी यह चुनाव काफी अहम है। जिले के कुचेरा कस्बे से संबंध रखने वाले मिर्धा परिवार का डेगाना व नागौर में बोलबाला रहा है और इसी परिवार से डॉ. ज्योति मिर्धा नागौर से सांसद भी रह चुकी है। ऊहापोह की स्थिति में नई पीढ़ी मिर्धा परिवार प्रदेश की जाट राजनीति का बड़ा चेहरा है लेकिन परिवार के दो धड़ों में बंट जाने से नई पीढ़ी ऊहापोह के दौर से गुजर रही है। 1971 से 1996 तक छह बार सांसद रहे नाथूराम मिर्धा परिवार का मोर्चा रिछपालसिंह और उनकी भतीजी ज्योति ने संभाला जबकि दूसरे गुट में रामनिवास मिर्धा के बेटे हरेंद्र मिर्धा मोर्चे पर हैं।