शुक्रवार को नागौर, मूण्डवा, मेड़ता, कुचामन सिटी तहसील क्षेत्र के साथ बाहरी अभ्यर्थियों ने दौड़ में भाग लिया। शुक्रवार को दौड़ का अंतिम दिन था, जिसके लिए कुल 4600 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, लेकिन 3667 ने ही दौड़ में भाग लिया और 367 पास हुए। 10 जून से 14 जून तक हुई अलग-अलग तहसील क्षेत्र के युवाओं की दौड़ में कुल 1728 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जिनका मेडिकल, शारीरिक दक्षता एवं दस्तावेजों की जांच का काम चल रहा है। भर्ती अधिकारी जीडीएस गिल ने बताया कि यह कार्य आगामी 20 जून तक पूरा कर लिया जाएगा। गर्मी के चलते शुक्रवार को भी एक-दो युवा दौड़ के दौरान बेहोश हुए, जिन्हें चिकित्साकर्मियों ने अस्पताल पहुंचाकर उपचार किया।
दौड़ में पास, लम्बाई कम पड़ी तो रोने लगा अभ्यर्थी
पांच दिन तक स्टेडियम में चली सेना भर्ती की दौड़ के दौरान कुल पलों से पीछे रहे अभ्यर्थियों को सेना के जवानों के सामने रोते-बिलखते देख सहज ही बेरेाजगारी की मार का अंदाजा लगाया जा सकता है। दौड़ के अंतिम दिन एक अभ्यर्थी दौड़ में उत्तीर्ण हो गया, लेकिन लम्बाई कम होने के कारण उसे रिजेक्ट कर दिया गया। इसकी जानकारी मिलने पर अभ्यर्थी ने करीब आधे घंटे तक अधिकारियों के सामने विनती की और गिड़गिड़ा कर शामिल करने की मांग की। अभ्यर्थी को मैदान से बाहर निकालने के लिए बार बार कहने के बावजूद वह नहीं गया तो जवान ने उसे जबरदस्ती बाहर निकाला।
आगे बैठने की हौड़
स्टेडियम में प्रवेश देने के बाद अभ्यर्थियों को दौड़ाने के लिए ट्रेक पर ले जाने के लिए जैसे ही हरी झंडी मिलती, अभ्यर्थी तेज दौड़ कर आगे बैठने की हौड़ में रहते। जितना जोर अभ्यर्थियों ने ट्रेक पर दौड़ में नहीं लगाया, उससे ज्यादा स्टेडियम से ट्रेक पर पहुंचने के लिए दिखाया, ताकि सबसे आगे बैठ सकें।
गौरतलब है कि सेना भर्ती रैली में भाग लेने के लिए 24 हजार 435 अभ्यर्थियों ने पंजीयन कराया था। भर्ती अधिकारी कर्नल जीडीएस गिल ने बताया कि 10 जून को लाडनूं व जायल तहसील क्षेत्र के युवा दौड़ में शामिल हुए, जबकि 11 जून को डीडवाना व खींवसर, 12 को डेगाना, परबतसर व रियांबड़ी, 13 को नावां व मकराना तथा 14 जून को नागौर, मूण्डवा, मेड़ता, कुचामन सिटी तहसील क्षेत्र के साथ बाहरी अभ्यर्थी दौड़ में शामिल हुए। अब उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों की 15 से 20 जून तक दस्तावेजों की जांच व शारीरिक परीक्षा होगी।