नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक के लिए चयन से वंचित युवक-युवतियां शाम को कलक्ट्रेट पहुंचे तथा कलक्टर दिनेशकुमार यादव को ज्ञापन सौंपकर चयन प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया। ज्ञापन में बताया कि चयन करने वाले कार्मिकों ने बिना किसी योग्यता के सिर्फ दौड़ करवाकर स्वयंसेवक ले लिए, जबकि कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने दौड़ में भाग नहीं लिया, लेकिन उनके दस्तावेज जांच किए गए। रूण से आए नफीस व नागौर के कुलदीप ने बताया कि दौड़ में एक ग्रुप से दो राउण्ड करवाए तो दूसरे ग्रुप से चार तथा किसी से एक राउण्ड ही करवाया। नागौर से आए पूनमचंद ने आरोप लगाया कि आपदा प्रबंधन विभाग में लगे एक कर्मचारी के चार भाइयों को न तो दौड़ में शामिल किया और न ही दस्तावेज जांचे, सीधे ही चयन कर लिया गया।
राठौड़ी कुआं से आई किरण ने बताया कि अखबार में आई सूचना के आधार पर वे स्वयंसेवकों की चयन प्रक्रिया में शामिल हुए। दिनभर भूखे-प्यासे बैठे रहे, चयन प्रक्रिया के लिए पहले दौड़ाया। दौड़ में जो प्रथम, द्वितीय या आगे रहे, उन्हें दोपहर तीन बजे दस्तावेज जांच के लिए वापस बुलाया, लेकिन जब 3 बज गए तो न तो दस्तावेज देखे और न ही चयन किया, विरोध किया तो अधिकारी बोले – बाहर चले जाओ, नहीं तो पुलिस बुला लेंगे। यह कोई बात नहीं हुई। पुलिस हमारे लिए भी है। जब हमें लेना ही नहीं था तो बुलाया क्यों।
यह भर्ती नहीं, सेवा का काम
नागौर जिले में 50 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों का मनोनयन करने के लिए मंगलवार को इच्छुक आवेदकों को बुलाया था, लेकिन अधिक आवेदक आने के कारण छंटनी के लिए दौड़ करानी पड़ी। यह कोई भर्ती नहीं है, केवल आपदा प्रबंधन के लिए स्वयंसेवकों का मनोनयन करना है, जिसमें 10 दिन प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षण लेने वाले स्वयंसेवकों को प्रतिदिन के 100 रुपए दिए जाएंगे। इसके बाद आवश्यकता पडऩे पर रेस्क्यू ऑपरेशन के समय स्वयंसेवकों को बुलाया जाएगा। उस समय उन्हें प्रतिदिन 590 रुपए भत्ता दिया जाएगा।
– इंद्रमल बुनकर, डिप्टी कंट्रोलर, आपदा प्रबंधन, जयपुर