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मुजफ्फरनगर रेल हादसे की पूरी कहानी, चश्मदीदों की जुबानी, अब तक 23 की मौत

चश्मदीदों ने कहा रेलकर्मियों की लापरवाही से हुआ हादसा

मुजफ्फरनगरAug 19, 2017 / 11:30 pm

Iftekhar

18477 Utkal Express
 मुजफ्फरनगर. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में शनिवार 5.45 बजे हुए रेल हादसे ने सबको हिलाकर रख दिया है। पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग उत्कल एक्सप्रेस 18477 ट्रेन मुजफ्फरनगर के खतौली रेलवे स्टेशन के करीब पटरी से उतर गई। दुर्घटना इतनी भ्यावह थी कि ट्रेन के करीब दर्जन भर डिब्बे पटरी से उतरकर अगल-बगल के घरों और एक स्कूल में घुस गए। इस हादसे में मरने वालों की संख्या 23 हो गई है, जबकि करीब 81 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है। एनडीआरएफ के जवान राहत और बचाव में लगे हुए हैं। इस हादसे को कवर करने पहुंचे पत्रिका के संवाददाता संजय शर्मा, राहुल पोखिरयाल और प्रवेश मलिक ने न सिर्फ घटना स्थल का जायदा लिया, बल्कि वहां मौजूद स्थानीय चश्मदीदों से भी बात की। आप भी जानिए क्या कहा लोगों ने।
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 घटना स्थल पर मौजूद एक शख्स सुशील शर्मा जो कि स्थानीय दुकानदार है। उन्होंने बताया कि यहां पटरी पर काम चल रहा था। रेलवे कर्मियों ने पटरी काटकर अलग रख रखी थी। इसी दौरान अचानक पूरी स्पीड के साथ ट्रेन आगई। बताया जाता है कि ड्राइवर ने यहां इमरजेंसी ब्रेक लगाया था, इसके बाद ट्रेन के डिब्बे एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए। हादसे के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। एक डिब्बा ट्रेन से निकलकर रेलवे लाइन के पास बने घर में घुस गया, जिससे मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया। घटना की सूचना आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई, जिसके बाद हजारों की संख्या में लोग राहत और बचाव के लिए घटना स्थल पर पहुंच गए। ये सभी लोग अपने-अपने स्तर पर बचाव कार्य में जुट गए। हालात ये बन गए कि पुलिस और एनडीआरएफ की टीम पहुंचने के बाद इन लोगों को घटना स्थल से हटाना भी मुस्कल हो रहा था। हटाने के बाद भी ये लोग जाने को तैयार नहीं थे। ये लेग अंत तक बचाव व राहत के काम में डटे रहे।
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 हवा में उछल गए ट्रेन के डिब्बे, उठा धूल का गुबार
वहीं, हादसे के प्रत्यक्षदर्शी जयवीर सिंह और राजकुमार ने बताया कि ट्रेन के कई डिब्बे हवा में उछल गए थे। हादसा होते ही काफी देरतक धूल का गुबार ही गुबार दिखाई दिया। दोनों के मुताबिक, ट्रेन हादसा होने के बाद काफी देरतक कुछ साफ नजर नहीं आया।
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 डिब्बे काटकर निकाले गए यात्री
पटरी से उतरने के बाद रेल के कई कोच एक दूसरे में घुस गए तो कई डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए। पटरी से उतरे डिब्बों में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए डिब्बा काटने के लिए क्रेन की मदद ली गई। एनडआरएफ की कुल 4 टीमें ट्रेन हादसे में रेस्क्यू करने पहुंच चुकी है। यानी कुल 180 जवान मौके पर मौजूद है। इसके अलावा गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीमों को भी रेस्क्यू के लिए भेजा गया। घटना के बाद मेरठ, अंबाला, सहारनपुर ट्रैक को बंद कर दिया गया है। रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने हादसे में रेस्क्यू और राहत कार्यों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किए हैं।
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 मुआवजे की घोषणा
कलिंग उत्कल एक्सप्रेस रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मारे गए लोगों के लिए 5 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है। वहीं रेल मंत्रालय ने 3.5 लाख के मुआवजे की घोषणा की है। साथ ही घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा भी की गई है।

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यूपी सीएम ने दिए हरसंभव मदद के निर्देश
हादसे के फौरन बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरसंभव मदद के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट किया कि वरिष्ठ डॉक्टर, मेडिकल वैन मौके पर पहुंच रहे हैं। मैं और मनोज सिन्हा लगातार घटना पर नजर बनाए रखें हैं। इसके अलावा यूपी सरकार से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
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