चौ. नरेश टिकैत, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन बजट किसानों के लिए निराशाजनक व परेशानी भरा हुआ है। किसानों को उम्मीद थी कि निर्मला सीतारमण द्वारा पिछली सरकार में वाणिज्य मंत्री के रूप में व्यापार को आसान बनाने के लिए 7000 कदम उठाए गए थे। इस बार कृषि को आसान बनाने के लिए कम से कम 5000 कदम सुझाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन यह बजट किसानों की आशाओं के विपरीत है। बजट में किसानों के लिए योजनाओं का कोई जिक्र नहीं किया है। किसानों को उम्मीद थी कि बजट में किसानों की आत्महत्याओं, फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद, मंडियों व भंडारण की क्षमता को बढ़ाना, कृषि ऋण को दीर्घकालिक व ब्याज मुक्त किए जाने के लिए सरकार कदम उठाएगी। सरकार ने इन मुद्दों को छुआ तक नहीं। प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए भी किसी राशि की जानकारी नहीं दी गई है। यह देश को गुमराह करने वाला बजट है। इससे कृषि और किसान का कल्याण संभव नहीं है।
धर्मेंद्र मलिक, सदस्य किसान समृद्धि आयोग, उत्तर प्रदेश सरकार ढांचागत विकास के लिए जितनी बात हुई हैं, उनका क्रियानवन कैसे होगा। किसानों को जीरो के सहारे छोड़ दिया गया है। निर्माला सीतारमण ने किसानों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने डेढ़ साल में दालों में देश को आत्मनिर्भर बनाया। किसानों ने बिना सरकार की मदद के देश को खाद्य सुरक्षा दी है। अगर आप मानती हैं तो दाल की खरीद व्यवस्था भी नहीं की। निधार्रित समर्थन मूल्य पर देश में दालें नहीं बिक रही हैं। बजट में किसानों की फसलों का समर्थन मूल्य निर्धरित किया जाना चाहिए था। पहली बार बजट में यह नहीं बताया कि कृषि में कितना आवंटन किया गया है। जीरो बजट फार्मिंग से किसानों की आय दोगुनी होगी। परंपरागत खेती करना हम जानते हैं, लेकिन उसके लिए बहुत चुनौतियां हैं। उसके लिए देश तैयार नहीं है। आज हम केमिकल फर्टीलाइजर के प्रयोग से जमीनों को इतना खराब कर चुके हैं कि वह अभी संभव नहीं है। आधा देश सूखे की चपेट में हैं। अब किसान भगवान के भरोसे ही रह सकता है। यह बजट किसानों की आत्महत्या को बढ़ाने वाला है।
वीर सिंह, किसान 2000 तक किसान की आमदनी दोगुनी करने की बात कही गई है। इतना इंतजार करेंगे क्या किसान। किसान की कई समस्याएं हैं। पता नहीं कैसे 2022 में अमदनी दोगुनी करेंगे। बजट में लॉलीपाॅप दिया गया है।
राहुल मलिक बजट से बहुत उम्मीदें थीं। सुबह से टीवी देख रहे थे। किसान को कुछ नहीं मिला। प्रधानमंत्री ने 86 बार ताली बजाई। किसके लिए बजाई पता नहीं। किसान की आय दोगुनी नहीं होगी, बल्कि आधी होने जा रही है। किसान इससे संतुष्ट नहीं हैं।
किसान जयवीर किसानों की दशा खराब होती जा रही है। गन्ने का पेमेंट नहीं मिला। बजट में कुछ नहीं मिला। फसल को उचित दाम नहीं मिलता। सरकार वादे करती है बस। अशोक बालियान, किसान नेता
अगले पांच साल में ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, पानी, बिजली और गैस के लिए बड़ी घोषणाएं की गई हैं। यह एक अच्छा कदम है। 2022 में किसानों की आदमनी दोगुनी करने के लिए मोदी सरकार को काम करना चाहिए।
बजट में किसानों के लिए ऐलान – 10 हजार नये कृषि उत्पादक संगठन बनाने की उम्मीद
– अन्नदाता को ऊजार्दाता बनाया जाएगा
– कृषि से संबधित ग्रामीण उद्योग में 75 हजार नए उद्यमी तैयार किए जाएंगे
– 2019-20 से 2021-22 के बीच 1.95 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य और 2022 तक हर ग्रामीण को गैस और बिजली का कनेक्शन