scriptप्रदेश में बीजेपी सासंदों की बढ़ी मुश्किल, पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जोरदार प्रदर्शन | Government employees protest against new pension schemes | Patrika News

प्रदेश में बीजेपी सासंदों की बढ़ी मुश्किल, पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जोरदार प्रदर्शन

locationमुजफ्फरनगरPublished: Oct 29, 2018 09:24:09 am

Submitted by:

Ashutosh Pathak

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारियों ने संसदों के आवास के घर के बाहर किया प्रदर्शन

muzafarnagar

प्रदेश में बीजेपी सासंदों की बढ़ी मुश्किल, पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जोरदार प्रदर्शन

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी किसी भी कीमत पर सरकार से समझौते को तैयार नहीं है। जिसका असर एक बार फिर देखने को मिला। जहां मुजफ्फरनगर में शिक्षकों सहित सरकारी कर्मचारिकयों कई संगठनों ने एक साथ मिलकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद डॉक्टर संजीव बालियान के आवास पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सांसद के आवास पर 1 दिन का उपवास भी रखा।
दरअसल सूबे में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली का मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके चलते पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रदेश के कर्मचारियों का आंदोलन सरकार के गले की हड्डी बनता जा रहा है। एक और आम चुनाव को एक साल से भी कम का समय बचा है। ऐसे में अपनी मांगों को लेकर कर्माचारियों का ये प्रदर्शन सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।
प्रदेश के अन्य़ शहरों की तरह मुजफ्फरनगर में भी शिक्षकों सहित कई संगठनों से जुड़े सरकारी कर्मचारियों ने सांसद संजीव बालियान के घर के बाहर पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया और एक दिवसीय उपवास रखा।
इस दौरान पेंशन बचाओ मेटा के जिला अध्यक्ष रविंद्र सिंह, अटेवा के जिला संयोजक प्रीत वर्धन शर्मा व लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष जय भगवान ने कहा कि एक युवा सरकारी नौकरी में इसलिए जाना चाहता है ताकि बुढ़ापे में उसे पेंशन की मजबूत लाठी का सहारा मिल सके। इसलिए पुरानी पेंशन की बहाली होनी आवश्यक है। इस अवसर पर कर्मचारी नेताओं ने 26 नवंबर को संसद मार्च में शामिल होने के लिए सभी कर्मचारियों से कमर कसने को कहा।
वहीं भारी प्रदर्शन के बीच प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे सांसद संजीव बालियान ने आश्वासन दिया कि वह पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को दमदार तरीके से उठाएंगे। आपको बता दें कि कर्मचारियों का कहना है कि 2004 में लाई गई यह न्यू पेंशन स्कीम नहीं, बल्कि नो पेंशन स्कीम है। नई पेंशन नीति खामियों से भरी हुई है। उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम में सेवानिवृत्त‍ि के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी थी। लेक‍िन नई पेंशन नीति में कितनी पेंशन मिलेगी, यह तय नहीं है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो