चुनिंदा फंड हाउसों के दबदबे पर उठाए सवाल त्यागी ने कहा कि इस बात पर गौर कर रहे हैं कि कुछ फंड हाउसों के ज्यादा मुनाफे की वजह अधिक शुल्क तो नहीं है। त्यागी ने पूछा कि म्यूचुअल फंड का ज्यादातर कारोबार कुछ फंड हाउसों के बीच सिमटने की वजह इस उचित प्रतिस्पर्धा की कमी तो नहीं? खासतौर से इक्विटी फंड्स के मामले में ऐसा अधिक टोटल एक्सपेंस रेशियो के कारण तो नहीं?
चार फंड हाउसों के पास कारोबार की 50 फीसदी हिस्सा छोटे ऐसेट मैनेजर पहले से शिकायत करते रहे हैं कि उनके बड़े प्रतिद्वंद्वियों ने दबदबा बना रखा है और इंडस्ट्री की सेल्स प्रैक्टिसेज से जुड़े नियमों पर उनका प्रभाव है। यह पहला मौका है, जब सेबी ने अपनी ओर से इसपर सवाल उठाया है। बता दें कि देश में इस समय म्यूचुअल फंड कारोबार का करीब 50 फीसदी हिस्सा देश के चार बड़े फंड हाउसों के पास है, जबकि 70 फीसदी कारोबार टॉप सात हाउसों के पास है। देश में फिलहाल 41 म्यूचुअल फंड कुल 25.05 लाख करोड़ रुपए के निवेश का प्रबंधन करते हैं।
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