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रिकॉर्ड! अगस्त में हुआ इक्विटी म्युचुअल फंड में हुआ 20,362 करोड़ का निवेश

locationनई दिल्लीPublished: Sep 12, 2017 09:42:00 am

Submitted by:

manish ranjan

एसोसिएशन ऑफ मुचुअल फंड्स इन इंडिया के अनुसार, लगातार 17वां ऐसा महीना रहा जब इक्विटी योजनाओं में निवेश हुआ है।

Equity mutual fund

नई दिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड सेबी के लोगों को जागरूक करने के कदमों तथा खुदरा निवेशकों की मजबूत भागीदारी से अगस्त में इक्विटी मुचुअल फंड में रिकार्ड 20,362 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। एसोसिएशन ऑफ मुचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, यह लगातार 17वां ऐसा महीना रहा जब इक्विटी योजनाओं में निवेश हुआ है। इससे पहले आखिरी बार मार्च 2016 में इसमें 1,370 करोड़ रुपये की निकासी की गयी थी। अगस्त महीने में हुए भारी निवेश के कारण अब तक का कुल इक्विटी मुचुअल फंड निवेश पिछले महीने के 6.3 लाख करोड़ रुपये से दो प्रतिशत बढक़र 6.44 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में इक्विटीसे जुड़ी बचत योजनाओं समेत इक्विटी फंड में कुल 20,362 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। जुलाई में यह निवेश 12,727 करोड़ रुपये रहा था। गौरतलब है कि पिछले कई सालों से बाजार नियामक सेबी निवेशकों को लगातार जागरुक करने की दिशा में नए कदम उठा रही है।


3 साल में बढ़ी हिस्सेदारी

पिछला तीन साल खासकर 2016 खुदरा निवेशकों की बढ़ी भागीदारी के साथ में बड़े निवेश का साक्षी रहा है। नोटबंदी के बाद मुचुअल फंड खासकर इक्विटी फंड में निवेश में जबरदस्त वृद्धि होते देखा है। हालांकि इसे पूरी तरह से महज नोटबंदी का प्रभाव नहीं माना जा सकता है, बल्कि यह पूरे उद्योग जगत की निवेशकों तक पहुंचने तथा निवेश के लाभ के प्रति जागरूक करने की साझा कोशिशों का परिणाम है। नोटबंदी के बाद औपचारिक अर्थव्यवस्था में पैसे का प्रवाह बढऩे से निवेश के रूप में मुचुअल फंड का आकर्षण बढ़ाने में मदद मिली है। एसआईपी मुचुअल फंड में निवेश करने का निवेशकों का तरजीही तरीका रहा है ।


म्युअुचल फंड स्कीम पर कड़े हो सकते हैं नियम

बाजार नियामक सेबी म्युअुचल फंड स्कीम से जुड़ें नियमों में सख्ती कर सकता है। सेबी की म्युचुअल फंड एडवाइजरी पैनल ने म्युचुअल फंड को कैटराइज्ड करने के लिए एक परिभाषा की सिफारिश की है। एडवाइजरी पैनल के इस कदम से मौजूदा समय एसेट मैनेजर द्वारा ऑफर किए जा रहे स्कीम की संख्या घटकर आधी रह जाएगी। सेबी चाहती है कि किसी एसेट मैनजेमेंट कंपनी एक कैटगरी में एक ही स्कीम ऑफर करे। इससे निवेश में सुविधा होगी

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