तेजी से बढ़ रहा है निवेश
हालांकि, डायरेक्ट प्लांस में अभी भी मुख्य रूप से कॉर्पोरेट व संस्थागत निवेशक ही निवेश कर रहे हैं, लेकिन यह बदलाव का ही संकेत है कि 8.5 फीसदी खुदरा निवेशक और 16.5 फीसदी अमीर निवेशक डायरेक्ट प्लांस में भी अब जमकर निवेश कर रहे हैं। इस ट्रेंड को लगातार मजबूती मिल रही है, क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों को म्युचुअल फंड के इस सेग्मेंट में निवेश से लाभ मिल रहा है।
डायरेक्ट प्लान में एक्सपेंस रेशिओ यानी व्यय अनुपात कम होता है। इससे आम स्कीम के मुकाबले इसमें ज्यादा रिटर्न मिलता है। एक्सपेंस रेशिओ से तात्पर्य है फंड की परिसम्पत्तियों का वह वार्षिक प्रतिशत जो खर्चे के तौर पर चुकाया जाता है। इन खर्चों में शामिल हैं- प्रबंधन शुल्क, मार्केटिंग के खर्च, परिचालन लागत और वितरण शुल्क। रेगुलर प्लान में एक्सपेंस रेशिओ ज्यादा होता है, क्योंकि एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) में वह कमीशन भी शामिल होता है, जो वितरकों को इन्सेंटिव के रूप में उनकी स्कीमों को बढ़ावा देने व बेचने के लिए दिया जाता है।
डायरेक्ट और रेगुलर प्लांस की नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) यानी निवल परिसम्पत्ति मूल्य भिन्न होता है। डायरेक्ट प्लान की एनएवी रेगुलर प्लान से अधिक होती है। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि डायरेक्ट प्लान ज्यादा महंगा होता है, इसका मतलब केवल यह है कि डायरेक्ट प्लान से निवेश पर अधिक फायदा हुआ है और इसी वजह से उसकी एनएवी ज्यादा बढ़ गई है।
एक्सपेंस रेशिओ कम होने से म्युचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान रेगुलर प्लान के मुकाबले ज्यादा रिटर्न देते हैं। एक्सपेंस रेशिओ पर निर्भरता के साथ रिटर्न का यह फर्क सालाना 1.5 फीसदी तक अधिक हो सकता है। कहने की आवश्यकता नहीं कि चक्रवृद्धि की ताकत से यह 1.5 फीसदी बचत दीर्घकाल में अच्छी-खासी रकम बन जाती है।
डायरेक्ट प्लान के लिए एक्सपेंस रेशिओ रेगुलर प्लांस के मुकाबले कम होता है, क्योंकि उसमें वितरक की फीस शामिल नहीं होती है। मोटे तौर पर इक्विटी फंडों में एक्सपेंस रेशिओ 0.75 फीसदी से तक 1.5 फीसदी कम होता है, वहीं डेट फंड्स में यह 0.5 फीसदी से 1 फीसदी तक कम होता है और लिक्विड फंडों में यह 0.1 फीसदी से 0.5 फीसदी तक कम होता है। निवेशकों को इससे सीधा लाभ मिलता है, क्योंकि व्यय अनुपात में बचत से निवेशक का रिटर्न बढ़ जाता है। ये व्यय अनुपात हर साल निवेश की बाजार कीमत पर लागू होते हैं। निवेशकों को सिर्फ एकबार नहीं, बल्कि हर साल इससे बचत होती है।