3,000 करोड़ रुपए बढ़ेगा सरकार का खर्च
उच्च-स्तरीय कमेटी का ये प्रस्ताव अगर स्वीकार किया जाता है तो इस स्कीम के तहत सरकार का खर्च हर साल 3,000 करोड़ रुपए बढ़कर करीब 12,000 करोड़ रुपए हो जाएगा। बता दें एंप्लॉयी पेंशन स्कीम के तहत लगभग 60 लाख कर्मचारी पेंशन लेते हैं। इनमें से करीब 40 लाख को 1,500 रुपए प्रति माह से कम पेंशन मिलती है और 18 लाख कर्मचारियों को प्रति माह 1,000 रुपए की न्यूनतम पेंशन प्राप्त होती है। सरकार के पास पेंशन फंड में लगभग 3 लाख करोड़ रुपए हैं। सरकार यह खर्च उठाने को तैयार है या नहीं इसका फैसला वित्त मंत्रालय करेगा।
वित्त मंत्रालय रख सकता है ये शर्त
पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव एक उच्च-स्तरीय कमेटी ने दिया था, जिसे सरकार की मंजूरी मिल सकती है। लेबर मिनिस्ट्री के एडिशनल सेक्रेटरी की अगुवाई में पिछले वर्ष बनाई गई इस कमिटी से एंप्लॉयीज पेंशन स्कीम का मूल्यांकन और समीक्षा करने के लिए कहा गया था। हालांकि वित्त मंत्रालय अधिक पेंशन की सुविधा लेने की इच्छा रखने वाले रिटायरमेंट की आयु तक अपने प्रविडेंट फंड से पेंशन का हिस्सा नहीं निकालने की शर्त रख सकता है। अगर ये शर्त मान ली जाती है तो सरकार को इस स्कीम के लिए फंड मिल सकेगा।
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