रिटायरमेंट के लक्ष्य का आकलन करें
किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह-मशविरा करके यह पता करें कि रिटायर होने पर आपको कितनी धनराशि चाहिए होगी। रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त धनराशि बचा पाना कठिन हो सकता है। जिंदगी में कुछ ऐसे बेहद जरूरी कार्य निबटाने पड़ जाते हैं कि वे रिटायरमेंट के लिए आपके तय किए योगदान पर पानी फेरते रहते हैं। अचानक घर या वाहनों की मरम्मत या हॉस्पिटल का भुगतान बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के खर्चे, नया साजो-सामान खरीदने आदि में आपका पैसा आसानी से खर्च हो जाता है। अपने सलाहकार को डॉक्टर समझें और अपने सिर पर पड़ी हर जिम्मेदारी या संभावित खर्चों से बारे में उसे खुल कर बताएं। तभी यह निर्धारित हो सकेगा कि आपके रिटायरमेंट के लिए कितनी धनराशि का संचय करना पर्याप्त होगा। हालांकि अपने पैरों पर खड़ा होते ही आपको इसकी शुरुआत कर देनी चाहिए।
अपना निवेश सुरक्षित रखने का प्रयास करें
निवेश सुनिश्चित रखने का अर्थ यह है कि इलाज के खर्चों जैसी आपात स्थिति में भी आपको अपनी बचत को हाथ नहीं लगाना है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने और अपने परिवार के लिए समुचित हेल्थ कवर लें। कोशिश करें कि आपके ये हेल्थ कवर बुढ़ापे की बीमारियों को भी कवर करें। इसके साथ-साथ कमाऊ सदस्यों को अपना-अपना उचित जीवन बीमा कराना भी अनिवार्य समझना चाहिए ताकि पर्याप्त पूंजी उपलब्ध रहे।
कमाई शुरू होने के साथ शुरू करें निवेश
रिटायरमेंट के लिए जरूरी कोष का निर्धारण होने के बाद आप कमाई की शुरुआत में ही निवेश प्रारंभ करके इस कोष को भरना शुरू कर दें। मासिक निवेश करना अधिक लाभदायक होता है। आप हर महीने नियम पूर्वक शेयरों अथवा म्युचल फंड्स जैसे दीर्घावधि निवेश के साधनों में अपनी बचत का एक हिस्सा डालते जाएं। ध्यान रखें रिटायरमेंट के लिए निर्धारित निवेश राशि का प्रतिशत किसी भी परिस्थिति में घटना नहीं चाहिए।
भावनाओं में न बहें
पैसे के मामले में भावनात्मक होना सबसे बड़ी भूल साबित हो सकती है। एक ही गलती पूरे परिवार पर भारी पड़ सकती है। इसलिए प्लानिंग के समय निर्धारित किए गए लक्ष्यों से जरा भी न डगमगाएं।