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सही वित्तिय प्लानिंग के लिए जल्द शुरू करें निवेश, महंगाई को आसानी से दे पाएंगे मात

locationनई दिल्लीPublished: Sep 10, 2017 02:04:00 pm

निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश महंगाई को ध्यान में रखकर करना चाहिए, यह ध्यान रखें कि निवेश पर मिल रहा रिटर्न महंगाई दर के मुकाबले ज्यादा है या नहीं।

Financial planning

हर कोई अपनी बचत की हुई राशि को कहीं न कहीं निवेश करता है। लेकिन सही प्लानिंग के अभाव में अधिकांश लोग अपने वित्तीय लक्ष्य को पाने से चूक जाते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह होती है महंगाई का सही आकलन नहीं करना। यानी, किसी ने बच्चे के उच्च शिक्षा के लिए 4 लाख रुपए जमा किया लेकिन जब वह कॉलेज में दाखिला लेने गया तो उसे 6 लाख की जरूरत है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए फाइनेंशियल प्लानर्स का कहना है कि सही निवेश प्रोडक्ट के साथ जल्द निवेश की शुरुआत करनी चाहिए। निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश महंगाई को ध्यान में रखकर करना चाहिए। वहीं यह ध्यान रखें कि आपके निवेश पर मिल रहा रिटर्न महंगाई दर के मुकाबले ज्यादा है या नहीं।


कैसी हो निवेश-रणनीति

आप रिटायरमेंट के लिए या बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए या फिर कैश रिजर्व बनाने हेतु निवेश की योजना बनाएं पर आपके वित्तीय लक्ष्य में परिसंपत्तियों का मिश्रण होना जरूरी है ताकि आप लक्ष्य हासिल कर सकें। छोटे से छोटा नियमित लंबे समय के साथ बड़ी रकम में तब्दील हो जाता है।


महंगाई के प्रभाव को ऐसे समझे महंगाई को तब गंभीरता से लेना मुश्किल होता है जब आप इसका प्रभाव आज, कल या फिर अगले साल महसूस न करें। आपने मुझसे 100 रुपए मांगे और मैंने सिर्फ 95 रुपए ही दिए। एक साल के लिए 5 फीसदी कोई ज्यादा नहीं आप इसकी बदौलत अपनी जरूरत पूरी कर सकते हैं। पर यह भी देखें कि 5 फीसदी मंहगाई ही 25 सालों में 125 रुपए का मूल्य घटा। यानी आपको नकारात्मक रिटर्न प्राप्त हुआ।

 

कैसे करें लक्ष्य हासिल

पहला चरण तो यह है कि आप अपना वित्तीय लक्ष्य तय करें। मसलन घर खरीदना है या कार या फिर बच्चे की शिक्षा के लिए रकम जुटानी है। इसी पर आपके निवेश की दिशा निश्चित होती है। दूसरा चरण उस समय-सीमा का अंदाजा लगाना है जिसके लिए आप अपने द्वारा तय किए गए लक्ष्य को पाना चाहते हैं।


कैसे बचें

सबसे पहले तो आप जितनी जल्दी हो निवेश करना शुरू कर दें और दूसरी बात यह कि ऐसे विकल्प अपनाएं जिससे आप मंहगाई को मात दे सकें। इसके लिए सलाहकार से सलाह ले।


जरूरी है आवधिक समीक्षा

यह ध्यान रहे कि कोई भी एक परिसंपति वर्ग चाहे वह शेयर हो या बांड या कुछ और, यह आपके सभी वित्तीय लक्ष्यों की पूर्ति नहीं कर सकता। यह बेहतर रहेगा कि आप अपने लक्ष्य और निवेश की साल में एक बार समीक्षा करें। जब भी आप नया निवेश करें, उस समय लक्ष्य को भी ध्यान में रखें।

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