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निवेश के दौरान कभी भी न करें ये छह गलतियां

Published: Jul 23, 2017 02:00:00 pm

Submitted by:

manish ranjan

 इंसान होने के नाते हम गलतियां करते हैं और इस तरह की गलतियां निवेश के निर्णय लेते वक्त भी होती हैं। खुदरा निवेशक के निर्णय लॉजिक की बजाय भावनाओं पर आधारित होते हैं।

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नई दिल्ली। इंसान होने के नाते हम गलतियां करते हैं और इस तरह की गलतियां निवेश के निर्णय लेते वक्त भी होती हैं। खुदरा निवेशक के निर्णय लॉजिक की बजाय भावनाओं पर आधारित होते हैं। जैसे एक मकान खरीदना वित्तीय सफलता का पर्याय माना जाता है लेकिन वित्तीय स्थिति सही नहीं होने पर यह निवेशक को कई सालों के कर्ज में डुबो सकता है। अधिकांश छोटे निवेशक के निर्णय कई बार उनके परिवार में चली आ रही पर परा के कारण भी प्रभावित होते हैं।


शार्ट टर्म प्रदर्शन को आधार न बनाएं

निवेशक अक्सर फंड के शार्ट टर्म प्रदर्शन की खबरों से प्रभावित हो जाते हैं। केवल इस आधार पर फंड चुनने से आपके निवेश का पोर्टफोलियो बिगड़ सकता है। निवेश करने वालों को यह समझना जरूरी है कि कोई फंड एक निवेशक के रूप में उनके रिस्क रिटर्न के लक्ष्य को पूरा करता है या नहीं। इसलिए आपको ऐसे फंड चुनना चाहिए, जो स्थिर प्रदर्शन करें। ये फंड लंबी अवधि में अधिकतम फायदा प्रदान करेंगे।


समय से पहले पैसा निकाल लेना

निवेशकों के निर्णय को प्रभावित करने वाली दो मौलिक भावनाएं डर और लालच हैं, जिसके कारण ऊंची खरीद, नीची बिक्री की स्थिति पैदा होती है। यह समझना जरूरी है कि बाजार में तरलता की अवधि भी आती हैं, लेकिन आपके पास जब तक निवेश की सही जमीन है, तब तक आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं। अपने निवेश की समीक्षा वार्षिक आधार पर करें, लेकिन अल्पकाल में खराब प्रदर्शन करने वाले फंड से पैसा निकालने की गलती न करें। अपने पोर्टफोलियो फंड को तभी बदलें जब यह स्थिर रूप से खराब प्रदर्शन करे, फंड की मौलिक विशेषताओं में परिवर्तन हो या फिर आपके निवेश के लक्ष्यों में परिवर्तन हो।


किनारे रहकर सुधार का इंतजार करना

निवेशकों को अक्सर यह नहीं पता होता कि उन्हें बाजार में कब प्रवेश करना चाहिए, यह खासकर उस समय होता है, जब बाजार तेजी के चरण में होता है। इस वजह से निवेशक बाजार में प्रवेश करने में बहुत देर कर देते हैं या फिर तेजी का लाभ पूरी तरह से गंवा देते हैं।


पोर्टफोलियो में बहुत सारे फंड खरीदना

विविधीकरण निवेश का एक मौलिक सूत्र है, लेकिन जरूरत से ज्यादा विविधीकरण करने से नुकसान हो सकता है। ज्यादातर निवेशकों के लिए 8 से 10 फंड का पोर्टफोलियो पर्याप्त होता है। सावधानीपूर्वक ऐसे फंड चुनिए, जो आपकी निवेश की जरूरत को पूरा करते हों और यह निवेश लंबे समय तक बनाकर रखें।


डीआईवाई निवेश का पालन करना

कई निवेशक अपने दोस्तों की सलाह या फिर थोड़े से शोध के आधार पर निवेश के लिए अपने खुद के फैसले लेते हैं। निवेश के लिए यह सबसे खराब होता है। निवेश के पोर्टफोलियो के निर्माण के लिए निवेश के लक्ष्यों, तरलता की आवश्यकता और वित्तीय लक्ष्यों की गहरी समझ होना आवश्यक है। यदि आपके पास समय या विशेषज्ञता की कमी है, तो वित्तीय प्लानर की सलाह पर काम करना चाहिए। 
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