केन्द्रों से गांव जुडऩे के बाद 31 अक्टूबर तक पंजीयन अनिवार्य
मुंगेलीPublished: Sep 12, 2018 11:28:04 am
समर्थन मूल्य पर धान व मक्का खरीदी कलेक्टर ने दिए निर्देश
केन्द्रों से गांव जुडऩे के बाद 31 अक्टूबर तक पंजीयन अनिवार्य
मुंगेली. प्रदेश के साथ-साथ जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का के उपार्जन की नीति निम्न निर्धारित की गई है। केन्द्र सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 के लिए औसत अच्छी किस्म (एफएक्यू) के धान एवं मक्का निर्धारित समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जाना है। धान कॉमन 1750 रुपए प्रति क्विंटल, धान ग्रेड ए 1770 रूपए प्रति क्विंटल, मक्का 1700 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदी की जायेगी।
खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 के दौरान समर्थन मूल्य योजनांतर्गत राज्य के किसानों से धान की नगद व लिकिंग में खरीदी 1 नवम्बर 2018 से 31 जनवरी 2019 तक एवं मक्का की खरीदी दिनांक 1 नवम्बर 2018 से 31 मई 2019 तक की जाएगी। खरीफ वर्ष 2017-18 में जिले के किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अधिकतम सीमा 15 क्विंटल प्रति एकड़ लिकिंग सहित निर्धारित की गई है। खरीफ वर्ष 2017-18 की भांति खरीफ वर्ष 2018-19 में भी सहकारी समितियों द्वारा संचालित निकटस्थ उपार्जन केन्द्र में जिले के किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का का विक्रय किया जा सकेगा। इस हेतु संबंधित गांव को उस समिति के धान उपार्जन केन्द्र के साथ सॉफ्टवेयर में जोड़ा जाना आवश्यक होगा, जिसमें उन्हें धान विक्रय की अनुमति दी जानी है। अत: जिले के जिन गांवों को निकटस्थ उपार्जन केन्द्रों से जोड़ा जाना है, इसकी कार्रवाई 15 सितंबर 2018 के पूर्व करने तथा सभी ग्रामों में इसका प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर डी सिंह ने बताया कि समितियों द्वारा सोमवार से शुक्रवार तक (शासकीय अवकाश के दिवसों को छोडक़र) धान खरीदी की जाएगी तथा प्रत्येक शनिवार को क्रय किए गए धान की मात्रा, बारदानों का उपयोग तथा समिति को धान उपार्जन हेतु प्राप्त राशि के व्यय की पुष्टि धान खरीदी सॉफ्टवेयर में करना अनिवार्य होगा। जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के लेनदारों की सूची व अवशेष ऋण का इंद्राज कम्प्यूटर में किया जाए। संबंधित किसान द्वारा धान की उपज उपार्जन केन्द्र में लाये जाने पर उसके द्वारा लायी गई कुल उपज का अधिकतम 25 प्रतिशत ही लिकिंग में जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक हेतु खरीदा जा सकता है। जिले में समितियों को राशि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के माध्यम से दिया जाना है या मार्कफेड द्वारा सीधे दी जानी है। कृषकों के खाते में समस्त भुगतान डिजिटल मोड से किये जायेंगे। खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में भारत शासन की नवीन बारदाना नीति अनुसार धान उपार्जन एवं चावल जमा करने हेतु बारदाने की आवश्यक व्यवस्था की जाए। नवीन नीति अनुसार धान की खरीदी शतप्रतिशत नये बोरों में करने के बजाय 50-50 के अनुपात में नये एवं पुराने बोरों में की जाएगी। पंजीकृत किसानों से ही खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में धान का उपार्जन किया जाएगा। तदनुसार निर्धारित समयावधि 31 अक्टूबर 2018 तक पंजीयन की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
धान उपार्जन केन्द्र, जहां वास्तविक रूप से धान खरीदी का कार्य होता है, उस स्थान पर ही कम्प्यूटर स्थापित किया जाए, ताकि किसान को भुगतान प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कोई असुविधा न हो एवं धान खरीदी कार्य पर पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण बना रहें। सहकारी समिति स्तर पर सही गुणवत्ता एवं पंजीकृत किसानों से धान की खरीदी एवं मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने हेतु सदस्यों को सम्मिलित करते हुए स्थानीय स्तर पर एक समिति गठित की जाएगी।