scriptमीनू तो छोडि़ए, भरपेट भोजन मिल जाए तो समझो बड़ी बात | Menu so leave, bharapet find food so treat it big thing | Patrika News

मीनू तो छोडि़ए, भरपेट भोजन मिल जाए तो समझो बड़ी बात

locationमुंगेलीPublished: Jan 15, 2019 10:12:11 am

Submitted by:

Amil Shrivas

स्कूलों में मध्याह्न भोजन का हाल बेहाल, ग्राम मोढ़े में जांच अधिकारी से बच्चे बोले-

Mungeli

मीनू तो छोडि़ए, भरपेट भोजन मिल जाए तो समझो बड़ी बात

तखतपुर. स्थानीय विकासखण्ड में मध्याह्न भोजन योजना का हाल बेहाल है। जहा बच्चों के निवालों पर स्व सहायता समूहो का डाका पड रहा है, वहीं स्कूल के शिक्षक एवं अधिकारी भी मौन बैठे हुए हंै। न तो अधिकारियों का सतत् निरीक्षण हो पाता है और न ही शिकायत पर किसी प्रकार की कार्रवाई हो रही है। यदि कभी कभार शिकायत पर निरीक्षण हो भी गया तो व्यवहारिकता निभाकर मामला दबा दिया जाता है, जिसके चलते स्व सहायता समूहों के हौसलें बुलंद है। ऐसा की एक मामला तखतपुर से महज 3 किलो मीटर दूर ग्राम मोढ़े में सामने आया है।
गौरतलब है कि ग्रामीणों ने लगातार विकासखण्ड कार्यालय में शिकायत की कि ग्राम मोढ़े में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला एवं शासकीय माध्यमिक शाला में गांव की ही महिला स्व सहायता समूह मनियारी महिला स्व सहायता समूह एवं सिया महिला स्व सहायता समूह के द्वारा मध्याह्न भोजन का संचालन किया जा रहा है। वहीं समूह की अध्यक्ष के द्वारा रसोईया कार्य भी किया जा रहा है। वहीं मध्याह्न भोजन में जमकर अनियमितता किया जा रहा है। लगातार पालकों एवं ग्रामीणों के कहे जाने के बाद भी समूह के द्वारा भोजन की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया गया, जिससे तंग आकर ग्रामीणों ने विकासखण्ड कार्यालय में शिकायत किया। कई बार शिकायतों के बाद विकास खण्ड अधिकारी के द्वारा संबंधित क्षेत्र के संकुल समन्वयक बल्लभ रजक को शिकायत की जांच के लिए भेजा गया। जहां संकुल समन्वयक बल्लभ रजक सोमवार को स्कूल निरीक्षण एवं जांच के लिए पहुंचे। जहा जांच में मध्याह्न भोजन गुणवत्ताहीन पाया गया। इस अवसर पर बच्चों ने बताया कि उन्हें कभी भी मीनू के आधार पर भोजन प्राप्त होना तो दूर भरपेट भी भोजन मिल जाये तो बड़ी बात है। वहीं जांच में पहुंचे शैक्षणिक समन्वयक के पूछे जाने पर स्कूल के बच्चों ने एक स्वर में कहा कि उनको भरपेट भोजना नहीं मिलता। स्कूल के छात्र खिलेश धूरी, चन्द्रकांत पटेल, स्वाती धूरी व दुर्गेश्वरी यादव सहित अन्य बच्चों ने बताया कि उन्हें गुणवत्तायुक्त भोजन मिलना तो दूर यहां भर पेट भोजन भी नहीं मिल पा रहा है। कई मरतबा शिक्षकों के बताये जाने के बाद भी भोजन में सुधार नहीं हुआ है। उधर स्कूल में मध्याह्न भोजन बनाने के लिए दोनों स्कूलों में तीन-तीन रसोइयां कार्यरत हैं, जिनके द्वारा मध्याह्न भोजन बनाया जाता है। वे भी समूह द्वारा दिया गया सामान मध्यान भोजन से बचाकर अपने घर ले जाती हंै। बच्चों ने बताया कि बच्चों को भेाजन मिले न मिले रसोइया अपने घर के लिए पहले से सामान रख लेेती हैं। मध्याह्न भोजन के मामले में यह अकेला स्कूल नहीं है, जहां भोजन में गड़बड़ी हो, बल्कि विकासखण्ड के अधिकांश स्कूलों का हाल कुछ इसी प्रकार है। जहां बच्चों को गुणत्ताहीन मध्याह्न भोजन परोसा जा रहा है। परन्तु अधिकारियों को निरीक्षण करने की फुरसत ही नहीं है। यदि कहीं से शिकायत आ भी गयी तो जांच की व्यवहारिकता पूरी कर लिया जाता है।
वहीं देश के प्रधानमंत्री जहां पूरे देश को धुंआ रहित बनाने के लिए महिलाओं को गैस सिलेण्डर का वितरण कर रहे हैं। वहीं स्कूलों में रखे गैस सिलेण्डर गायब हो गये हैं। आज भी स्कूलों में चूल्हा के माध्यम से ही भोजन पकाया जा रहा है।
मध्याह्न भोजन पर शिक्षक नहीं देते ध्यान
मध्यान भोजन के संचालन में स्कूल के शिक्षकों की एक महत्वपूर्ण भूमिका होता है। क्योंकि मध्याह्न भोजन बच्चो को परोसने से पहले शिक्षकों को भोजन चख कर देखने एवं अपने निगरानी में बच्चों को भोजन कराने की जिम्मेदारी होती है। परन्तु यहां शिक्षकों को मध्याह्न भेाजन चखना तो दूर बच्चों को भोजन पूरा मिल भी रहा है या नहीं, यह तक देखने की फुरसत नहीं हैं। समूह संचालक जैसे भोजन बच्चो को परोस दे वैसे ही बच्चों को खाना पड़ रहा है। शिक्षकों के द्वारा कभी भी समूह संचालक पर गुणवत्तायुक्त भोजन के लिए दबाव नहीं बनाया जाता।
&ग्राम मोढ़े के स्कूल में मध्याह्न भोजन गुणवत्ताहीन होना पाया गया है। इसके लिए संबंधित स्व सहायता समूह एवं स्कूल के शिक्षकों पर भी कार्रवाई किया जायेगा।
आरके अंचल, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी, तखतपुर
&बीईओ के निर्देश पर ग्राम मोढ़े की प्राथमिक एवं मिडिल स्कूल में मध्याह्न भोजन की जांच की गई है। जांच में भोजन गुणवत्ताहीन पाया गया है। जांच प्रतिवेदन बीईओ को सौंप दिया जायेगा।
बल्लभ रजक, शैक्षणिक समन्वयक
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो