गनियारी और सकर्रा वासी तालाब का पानी पीने को मजबूर, डायरिया का डर
गर्मी से सूख रहा लोगों का हलक: पीएचई विभाग कुम्भकर्ण की नींद में
गनियारी और सकर्रा वासी तालाब का पानी पीने को मजबूर, डायरिया का डर
सकरी. गर्मी शुरू होते ही सकरी परिक्षेत्र में पेयजल की समस्या ने विकराल रूप ले लिया है। पानी की समस्या के चलते कई गांवों में लोग तालाब का पानी पीने के लिए विवश हंै, तो कहीं लोगों को दूसरे मोहल्ले जाकर पानी लाना पड़ रहा है। ऐसा नहीं है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन जानने के बावजूद अभी तक इस ओर विभाग ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद पेयजल जैसी प्राथमिक जरूरत को भी नजरअंदाज किया जा रहा है। ऐसे में आक्रोशित ग्रामीण कलेक्टर से शिकायत करने की बात कह रहे हैं।
मामला तखतपुर विकासखण्ड अंतर्गत सकरी परिक्षेत्र के गांवों का है, यहां गर्मी बढ़ते ही हैंडपंप का हलक सूखने लगा है। विकासखण्ड के सबसे बड़े ग्राम गनियारी में पेयजल की समस्या विकराल हो गया है। यहां कहने को तो 6 बोर पीएचई विभाग द्वारा खुदवाया गया है लेकिन वर्तमान में सिर्फ एक ही बोर से लोगों को पानी मिल पा रहा है। बाकी गांव का आवसपारा, बीच बस्ती एवं मुख्यमार्ग में लोगों को पानी के लिये भटकना पड़ रहा है। आवसपारा के लोगों को तालाब का पानी पीने मजबूर होना पड़ रहा है। गनियारी के अर्जुन सूर्यवंशी ने बताया कि बोर नहीं चलने एवं नया बोर के लिए सैकड़ों बार पीएचई विभाग के साकेत सर को सूचना दी जा चुकी है। नए बोर लगाने गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन अब तक विभाग सुधार हो या नया बोर लगाना दोनों स्थिति में मौन धारण किए हुए है। पेयजल जैसी प्राथमिक सुविधा मुहैया नहीं कराने पर ग्रामीण आक्रोशित हंै और कलेक्टर से मिलकर पीएचई विभाग की शिकायत करने जा रहे हैं। इसी तरह ग्राम सकर्रा में भी लोग पेयजल की समस्या से परेशान हैं। यहाँ भी आवसपारा एवं दर्रीपारा में बोर फैल होने के कारण लोगों को तालाब का पानी पीना पड़ रहा है। सकर्रा के मनीष श्रीवास ने बताया कि कई बार विभाग में निवेदन करने के बावजूद अब तक समस्या हल नहीं हो सका है। अब तालाब ही एक सहारा है। विभाग के कार्यप्रणाली से नाराज ग्रामीण कलक्टर से शिकायत करेंगे।
इन गांवों के लोग भी हैं परेशान
ग्राम बहतराई, सम्बलपूरी, हांफा, पेंडारी, परसदा में भी पेयजल समस्या ने विकराल रूप ले लिया है। हांफा सरपंच विजय भौमिक ने बताया कि नलजल योजना के तहत बनाए गए टंकी को भरने, जो बोर करवाया गया है वो भी बंद है। कई बार सब इंजीनियर एस पी साकेत से इस सम्बंध में गुहार लगाई गई, लेकिन उनके द्वारा आज पर्यंत तक सुधार नहीं करवाया गया है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। उनकी कार्यप्रणाली से गांव के लोग परेशान है। पेंडारी के राजेश खांडे, सतीश यादव, द्वारिका मिश्रा ने बताया कि पेंडारी में भी पानी की समस्या है। लोगों को पेयजल के लिए दूसरे मोहल्ले जाना पड़ रहा है।
तालाब का पानी पीने से फैल सकता है डायरिया
गनियारी एवं सकर्रा में ग्रामीणों को पीएचई विभाग की लापरवाही के चलते तालाब का पानी पीना पड़ रहा है । तालाब का पानी ठहरा हुआ होता है और लोग उसमें नहाते भी हंै। इस कारण उक्त पानी को पीने से लोगों में डायरिया, संक्रमण और गंभीर बीमारी फैलने का खतरा है।
&गनियारी में 6 बोर में से 5 बोर फैल है लोग तालाब का पानी पीने मजबूर है कई बार पीएचई विभाग से गुहार लगाने के बाद भी समस्या हल नहीं हुआ है। अब कलेक्टर से शिकायत करने सहमति बनी है।
अर्जुन सूर्यवंशी, ग्रामीण गनियारी
&बार-बार शिकायत के बावजूद न बोर कराया जा रहा है न ही हेण्डपम्प में सुधार कराया जा रहा है। ग्रामीण तालाब का पानी पीने मजबूर हैं।
मनीष श्रीवास, गनियारी
&गर्मी बढऩे के कारण जलस्तर गिरा है। वर्तमान में आचार संहिता लगे होने के कारण नए बोर के लिए कलेक्टर से परमिशन लेना पड़ता है। मै दिखवाता हुं, जहाँ पाइप डालने से लोगों को पानी मिल जाये ऐसी व्यवस्था करने कर्मचारियों को निर्देशित करता हंू।
बीके मेहर, एसडीओ पीएचई विभाग तखतपुर
&मैं तत्काल तखतपुर एसडीओ को समस्या हल करने निर्देशित करता हूं।
प्रमोद कतलम , ईई पीएचई विभाग बिलासपुर
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