वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षा से अधिक परिणाम देने वाले प्रशांत ने बिहार में नीतीश कुमार के जेडीयू के लिए भी चुनावी रणनीति बनाई और सफल रहे। हालांकि बिहार में उनका जादू उतना नहीं चला लेकिन, एक सफल रणनीतिकार के रूप में स्थापित हो चुके पीके से उद्धव ने भी आगामी लोकसभा चुनाव में सहायता लेने का मन बनाया है।
२४-२४ के फार्मूले पर चर्चा
सूत्रों की मानें तो पीके ने उद्धव से सवाल किया कि 24 -24 का फार्मूला बुरा क्यों है? उद्धव को सुझाव भी दिया की गठबंधन को मत तोड़ो, सीटों के बंटवारे में भाजपा से एक दो सीटें कम भी मिले तो क्या बुरा है? हालांकि पीके ने उद्धव के साथ उनकी मुलाकात को एक शिष्टाचार भेंट करार दिया। इस बैठक में प्रशांत किशोर के साथ हुई चर्चा के कुछ अंश के बारे में उद्धव ने बताया और नेताओं से पूछा भी की क्या गठबंधन नहीं होगा तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, तो सभी नेताओं ने जोश के साथ कहा लड़ेंगे। उद्धव ने इस बैठक में साफ संकेत दिया कि गठबंधन हुआ तो भी ठीक, नहीं हुआ तो भी ठीक। कार्यकर्ता चुनाव की तैयारी में लग जाएं। बैठक में शिवसेना के सांसद अरविन्द सावंत, संजय राउत, गजानन कीर्तिकर, आनंदराव अडसूल सहित कई नेता उपस्थित थे।