मेक इन ओडिशा की नींव तैयार
पटनायक ने मुंबई में इनवेस्टर्स मीट में भुवनेश्वर में होने वाले मेक इन ओडिशा की घोषणा करते हुए कहा कि वह निवेशकों में रुचि देखकर काफी उत्साहित हैं। मेक इन ओडिशा का द्वितीय संस्करण 11 से 15 नवंबर तक इसी साल होगा। प्रथम संस्करण में 2.3 लाख करोड़ के निवेश के एमओयू साइन हुए थे। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बेहतर आधारभूत ढांचा देने के साथ ही सुगम कर प्रणाली और एक खिड़की योजना सरकार मुहैया कराएगी।
वेब पोर्टल लांच
उन्होंने कहा कि मेक इन ओडिशा की थीम आइ एम ओडिशा होगी। उन्होंने आइ एम ओ़डिशा के अभियान को हरी झंडी देते हुए कहा कि इसका उपसंहार मेक इन ओडिशा 2018 होगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मेक इन ओडिशा लांच किया। मेक इन ओडिशा 2018 में ओडिशा सरकार ने फिक्की को पार्टनर बनाया है। उल्लेखनीय है कि मेक इन ओडिशा का प्रथम संस्करण 2016 में हुआ था जिसमें निवेशकों व सरकार के बीच एमओयू के चलते 2.3 लाख करोड़ के प्रस्ताव पारित हुए थे।
ईस्ट मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा ओडिशा
ओडिशा में लोग मेक इन इंडिया भूलकर मेक इन ओडिशा पर चर्चा करने लगे हैं। राज्य सरकार हर साल अन्य राज्यों में बिजनेस कान्क्लेव करके निवेश आमंत्रित कर रही है जिसके चलते निवेशक आकर्षित हुए हैं। इस दौरान एमओयू पर फालोअप भी उसकी प्राथमिकता है। इसके लिए मुख्य सचिव एपी पाढ़ी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। इसी साल मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 2,675 करोड़ की लागत के 19 इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट लांच किए। इनमें से सात मैन्युफैक्चरिंग के हैं। दावा है कि इन प्रोजेक्टों के क्रियान्वयन से 8,187 लोगों को नौकरी मिलेगी। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग से निवेशकों से बातचीत की। वह ओडिशा को ईस्ट का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहते हैं।
निवेशकों में ओडिशा के प्रति रुचि है
2016 की ओडिशा कान्क्लेव के बाद पहला ग्राउंड ब्रेकिंग कार्यक्रम बीते नवंबर 2017 में हुआ था। तब 15 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में 11,690 करोड़ का निवेश आया था। मुख्यमंत्री का कहना है कि इससे ओडिशा के औद्योगिक विकास को काफी बल मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा कान्क्लेव 2016 राज्य की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित हुआ। उनकी सरकर निवेशकों के आधारभूत ढांचों व अन्य जरूरतों का पूरा ख्याल रख रही है। उन्होंने कहा कि ओडिशा कान्क्लेव 2018 नवंबर 11 से 15 के तक भुवनेश्वर में होगा। नवीन ने कहा कि विजन 2025 के अनुसार उम्मीद है कि ढाई लाख करोड़ का निवेश और तीस लाख जॉब के अवसर होंगे।