मिसाल है आठ साल की यह बच्ची गुलजार ने मुरारीलाल नामक काल्पनिक चरित्र के बहाने महाराष्ट्र के सियासी हालात पर कटाक्ष किया। शिवसेना की सरकार बनने से पहले जिस प्रकार से विधायकों की लुकाछिपी और खरीद-फरोख्त का मामला चल रहा था, उस पर उन्होंने जबर्दस्त तरीके से प्रहार किया।
मुंबई में भारत बचाओ रैली में उमड़ा जन सैलाब छोड़ो हाथी, छोड़ो प्यादे उन्होंने कहा कि एक मुंगेरीलाल था, जिसकी मैं कथाएं सुनता था। उसके माथे पर हमेशा बल रहता था। उसने मुझसे पूछ लिया कि अब तुम मुर्गियों को भी लोग बस में भर कर ले जाते हैं और छुपा कर रखते हैं। फाइव स्टार होटल में महीनों तक रखते हैं। क्योंकि हृष्ट-पुष्ट मुर्गे उसके पीछे लगे रहते हैं। कांग्रेस एनसीपी को भी शतरंज खेल के बहाने लपेटते हुए कहा-छोड़ो हाथी-छोड़ो प्यादे, घोड़ों का कारोबार करो। विधायकों के घोड़ा बाजार पर यह उनका तंज था।
कर्ज माफी : दो लाख से ज्यादा के बकाया वाले किसान अपात्र महंगाई पर कटाक्ष उन्होंने महंगाई पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि मुरारीलाल के माथे से बल नहीं जाते। बड़ी महंगाई है यारों कि भाव आसमान छूने लगे हैं, लगन बेटी के सर पर आ गई है, बड़ी मुश्किल से मंगलसूत्र बनवाया, दहेज में और क्या दूं, प्याज रख दूं कि भाव सोना छूने लग गया है।