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maha election: इनके लिए योजनाओं में भेदभाव नहीं, पर भागीदारी देने से गुरेज

locationमुंबईPublished: Oct 13, 2019 08:49:29 pm

Submitted by:

Ramdinesh Yadav

राज्य में 130 से अधिक सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का असर
भाजपा ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारे मैदान ए जंग में
योजनाओं में भेदभाव नहीं, पर भागीदारी देने से गुरेज
वोटों के ध्रुवीकरण का कोई मौका छोडऩे को तैयार नहीं भाजपा

maha election: इनके लिए योजनाओं में भेदभाव नहीं, पर भागीदारी देने से गुरेज

maha election: इनके लिए योजनाओं में भेदभाव नहीं, पर भागीदारी देने से गुरेज

मुंबई. सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी योजनाओं से सभी के विकास का दावा करने वाली भाजपा राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने में इतनी उदार नहीं है। सभी समाज को साथ लेकर चलने और उन्हें राजनीतिक भागीदारी देने में खुद को आगे बताने वाली भाजपा मुस्लिम समाज को प्रतिनिधित्व देने से गुरेज रखती है। यदि ऐसा नहीं होता तो भाजपा को इसबार विधानसभा चुनाव में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी उतारने में एतराज नहीं होता। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतार कर अपने पक्ष में वोटों के ध्रुवीकरण का पासा फेंक दिया है।
राज्य की 13 करोड़ से अधिक आबादी है, जिसमें करीब साढ़े 11 फीसदी मुस्लिम आबादी है। इस आबादी का प्रभाव राज्य के 288 विधानसभा सीटों में से करीब 130 सीटों पर है। लिहाजा इस बड़ी आबादी को नाराज कर सत्ता की सीढिय़ा चढ़ लेना उतना आसान नहीं है। इसे भली-भांति समझते हुए भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने में जुटी रहती है। केन्द्र सरकार के तीन तलाक का मुद्दा हो या कश्मीर से धारा 370 हटाने का मामला, ऐसे प्रयासों से मुस्लिम मतदाताओं को वह आकर्षित करने की कोशिश करती है।
शिवसेना से भी पीछे
maha election: इनके लिए योजनाओं में भेदभाव नहीं, पर भागीदारी देने से गुरेज

हिंदूत्व को अपना बेस बताने वाली शिवसेना भी मुस्लिमों को टिकट देने में चुकी नहीं है। पार्टी ने दो मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। इसके अलावा कांग्रेस ने 11, एनसीपी ने चार मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। राज्य के चार बड़े दलों ने कुल 17 मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया है। वहीं छोटे-बड़े दलों ने कुल 64 मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारा है। एमआईएम ने सर्वाधिक 27 मुस्लिम प्रत्याशियों को मौका दिया है। प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी ने 14 मुस्लमान प्रत्यासी मैदान में उतारे हैं। फडणवीस सरकार महाराष्ट्र की ऐसी पहली सरकार थी, जिसमें एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं बनाए गए थे। राज्य में 2014 के विधानसभा चुनाव में नौ मुस्लिम विधायक चुने गए थे।
किसने कितने टिकट दिए
……………….
पार्टी प्रत्याशियों की संख्या
भाजपा 00
शिवसेना 02
कांग्रेस 11
एनसीपी 04
एमआईएम 27
वंचित बहुजन आघाड़ी 14

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