मिली जानकारी अनुसार मुंबई और आसपास के परिसरों में स्थित डीएचएफल के एक दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर तलाशी की गई। इस मामले में ईडी को कुछ जानकारी मिर्ची के दो सहयोगियों की गिरफ्तारी से मिली है। पूछताछ में आरोपियों ने जो बातें ईडी को बताई हैं, अधिकारी उसी का सबूत हासिल करना चाहते हैं। हालांकि डीएचएफएल ने पहले यह कह चुकी है कि कथित संदिग्ध लेन-देन से उसका कोई रिश्ता नहीं है।
सनब्लिंक ने ली मिर्ची की तीन प्रापर्टी डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन की दूसरी कंपनी धीरज रियल्टी की सहायक सनब्लिंक डेवलपर्स ने मिर्ची की तीन प्रापर्टी का सौदा 225 करोड़ रुपए में किया। तीनों प्रापर्टी पर सनब्लिंक ने 2,86 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है, जिसे वह अब तक डीएचएफल को चुका नहीं पाई है। सनिब्लिंक के निदेशक सन्नी भटीजा के मुताबिक रणजीत सिंह बिंद्रा की मध्यस्थता में मिर्ची और उसके दोस्त हुमायूं मर्चेंट के साथ प्रापर्टी का सौदा हुआ था। इस काम के लिए बिंद्रा को 30 करोड़ रुपए दलाली दी गई थी, जो कि वधावन परिवार का रिश्तेदार है। बिंद्रा फिलहाल ईडी की हिरासत में है। ईडी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि तीनों प्रापर्टी का पैसा मिर्ची तक कैसे पहुंचाया गया। सूत्रों के मुताबिक कुछ पैसा चेन्नई में खोले गए फर्जी बैंक खाते के जरिए और बाकी रकम दुबई में चुकाई गई।
पटेल से हुई लंबी पूछताछ पूर्व केंद्रीय मंत्री पटेल से ईडी अधिकारियों ने शुक्रवार को 12 घंटे पूछताछ की थी। इससे पहले सोमवार को भी वे ईडी अधिकारियों के समक्ष पेश हुए थे। वर्ली में नेहरू प्लेनेटोरियम के पास सीजे हाउस बनाने वाली कंपनी मिलेनियम डवलपर्स पटेल परिवार की कंपनी है। आरोप है कि मिर्ची की पत्नी हाजरा मेमन के साथ मिलेनियम डवलपर्स ने समझौता किया था। सूत्रों के अनुसार सीजे हाउस में मिलेनियम डवलपर्स ने मिर्ची परिवार को 14 हजार वर्ग फीट जगह दी है। हालांकि, पटेल अब तक आरोपों को निराधार बताते रहे हैं। उनका कहना है कि वर्षों पहले पटेल परिवार ने ग्वालियर के महाराजा के साथ सीजे हाउस की जमीन का समझौता किया था।
दाऊद का करीबी था मिर्ची इकबाल मिर्ची की 2013 में लंदन में मौत हो चुकी है। नशीले पदार्थों की तस्करी और हफ्ता वसूली-फिरौती जैसे कई आरोप उसके खिलाफ दर्ज हैं। वह अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहीम का दाहिना हाथ माना जाता था। मायानगरी और आसपास के परिसरों में मिर्ची परिवार की 500 करोड़ से ज्यादा की प्रापर्टी है।