जानकारों का कहना है कि जरूरत के बावजूद बीएमसी ने महानगर के लिए पानी के इंतजाम को गंभीरता से नहीं लिया है। महानगर की जनसंख्या जिस अनुपात में बढ़ी है, उस हिसाब से पानी का प्रबंध नहीं किया गया है। ऊपर से मुंबई के जलाशयों का पानी दूसरी जगहों पर भी दिया जा रहा है। इसके चलते मुंबईकरों को पानी कटौती का सामना करना पड़ रहा है। बड़ा सवाल यह कि मुंबईकरों को 24 घंटे पानी आपूर्ति का वादा तो सभी राजनीतिक दल करते हैं, पर किसी ने भी बुनियादी समस्या के समाधान के लिए गंभीर प्रयास नहीं किया है।
45 लीटर कम मिल रहा पानी
बीएमसी जल विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सामान्य आपूर्ति के समय मुंबई में प्रति परिवार 135 लीटर पानी की आपूर्ति होती है। फिलहाल प्रति परिवार पानी की आपूर्ति 90 लीटर की जा रही है। साफ है कि सर्दी का मौसम शुरू होने से पहले ही हरेक परिवार को 45 लीटर पानी कम मिल रहा है। खास बात यह है कि कम पानी मिलने के बावजूद मुंबईकर शिकायत नहीं कर रहे हैं। लेकिन चिंता यह खाए जा रही कि अभी यह हाल है तो गर्मी में क्या होगा? खासकर तब जबकि गर्मी के मौसम में पानी की मांग डबल हो जाती है।
कई इलाकों में पानी की कमी
पानी कटौती का असर झवेरी बाजार, अब्दुल रहमान स्ट्रीय, कालबादेवी, मस्जिद बंदर, मलबार हिल जैसे इलाकों में ज्यादा हुआ है। न सिर्फ पानी आपूर्ति की अवधि कम की गई है, बल्कि पानी का प्रेशर भी कम है। इसके चलते लोगों को पीने भर का पानी भी नहीं मिल रहा है।
झीलों में पानी की स्थिति
महानगर में सात झीलों से पानी की आपूर्ति होती है जिनमें तुलसी, विहार, भातसा, तानसा, मोडक सागर, मध्य वैतरणा और अपर वैतरणा शामिल हैं। इस साल 11 नंवबर तक इनमें 11,11,385 मिलियन लीटर पानी था जबकि पिछले साल 13,17,819 मिलियन लीटर पानी उपलब्ध था। वैतरणा से अगले 242 दिन व भातसा से 209 दिनों तक पानी की आपूर्ति हो सकती है।