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मुंबई के पांच एंट्री पाइंट पर पकड़ा गया भारी मात्रा में मिलावटी दूध

locationमुंबईPublished: Oct 17, 2018 08:45:33 pm

पांच कंपनियों के दूध निर्धारित मापदंड पर खरे नहीं थे जबकि आठ कंपनियों के टैंकर के दूध स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम देने वाले थे…

(मुंबई): राज्य में मिलावटी दूध के खिलाफ राज्य सरकार ने मुहीम तेज कर दी है। राज्य के खाद्य सुरक्षा विभाग एवं एफडीए विभाग के संयुक्त करवाई के तहत मंगलवार को रात भर मुंबई में लाए जा रहे मिलावटी दूध के लिए छापे मारे गए। मुंबई में प्रवेश के लिए पांच एंट्री पाइंट पर उक्त विभाग ने विमप्टा लैब का मिल्कोस्क्रीन मशीन लगाया और मुंबई में दूध ला रहे सभी टैंकरों की जाँच, जिसमे 13 कंपनियों के टैंकर गड़बड़ पाए गए। इनमे से पांच कंपनियों के दूध निर्धारित मापदंड पर खरे नहीं थे जबकि आठ कंपनियों के टैंकर के दूध स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम देने वाले थे।

 

अपनी इस कार्रवाई के तहत विभाग ने 5लाख 70 हजार रूपये कीमत के 19552 लीटर केमिकल मिश्रित दूध को ईटीपी प्लांट में भेजकर नष्ट करा दिया। जबकि निर्धारित मापदंड पर खरे नहीं उतरे दूध के टैंकरों को नोटिस देकर पुनः कंपनी को भेज दिया गया । राज्य में मिलावटी दूध के बढ़ते मामलों को देखते हुए खाद्य सुरक्षा मंत्री गिरीश बापट ने सख्त कानून बनाने का निर्णय लिया है।


इस बारे में बापट ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ कानून में बदलाव किया जाएगा। दोषी को गैर जमानती धारा के तहत गिरफ्तार किया जाएगा साथ ही पांच वर्ष से आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया जाएगा।


मुंबई के पांच एंट्री पाइंट पर पकडे़ गए मिश्रित दूध

मुंबई के पांच एंट्री पाइंट दहिसर , मानखुर्द , ऐरोली , मुलुंड , तथा मुलुंड पूर्व टोलनाका पर विभाग ने मिलावटी दूध को जांचने वाली आधुनिक मशीन लगाई है। विम्प्टो लैब कि मिल्कोस्क्रीन मशीन से 5 मिनट में एक टैंकर के दूध की पूरी जांच की जाती है, जबकि सामान्य मशीन से 30 मिनट लगता है एक टैंकर के जांच में।

 

227में से 13 टैंकर का साढ़े तीन लाख लीटर दूध में गड़बड़

कुल 227 टैंकर में 9लाख 22हजर 928 लीटर दूध की जांच की गई। जिसमे से 13 टैंकर का लगभग साढ़े तीन लाख लीटर दूध गड़बड़ पाया गया। इनमे से 8 टैंकर में 19552 लीटर मिश्रित दूध स्वास्थ्य के लिए खतरनाक था। इनमे अमोनियम सल्फेट , मल्तलो डेक्सट्रिन केमिकल मिश्रित किया गया है। इसके सेवन से डायबटीज बढ़ने , डायरिया और उलटी होने कि संभावना अधिक होती है। कमजोर स्वास्थ्य वालों पर जल्द असर होता है।

5 टैंकर में 3 लाख 44 हजार लीटर दूध स्टार्च युक्त पाया गया। इसमें दूध को मोटा बनाने व फैट बढ़ाने के लिए कुछ खाद्य पदार्थ ही मिलाए गए थे , लेकिन यह दूध पीने योग्य नहीं था और जहरीला भी नहीं था। इसका उपयोग खाद्य सामग्री में किया जा सकता था।इस लिए इसे कंपनी के पास वापस भेज दिया गया।


जिन कंपनियों के दूध पकडे गए

 

अमोनिया सल्फेट तथा मल्तलो डेक्सट्रिन केमिकल मिश्रित दूध

1. अग्रवाल मिल्क, पुणे जिला
2. अष्टितालू दूध प्रकल्प , नासिक
3. हेरिटेज मिल्क एग्रो लिमिटेड , सतारा
4.साईं कृपा
5. वाराणा दूध कंपनी
6. साईधाम मिल्क प्रकल्प
आदि शामिल है

 

स्टार्च युक्त दूध

सुदर्शन मिल्क एग्रो लिमिटेड , ममता डेयरी उत्पादन कंपनी , लक्ष्मी दूध संकलन लिमिटेड , श्रीराम दूध कंपनी तथा सतराल डेयरी एग्रो लिमिटेड कंपनी शामिल है

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