सीवर लाइन बिछाए जाने के बाद बदहाल पड़ी सडक़ों का जिक्र करें तो संजय कॉलोनी क्षेत्र में साबिर बेग वाली गली से पीपरीपुरा होते हुए नेशनल हाइवे तक जाने वाला मार्ग सबसे पहले जेहन में आता है। इस सडक़ पर सालभर पहले सीवर लाइन बिछाई गई थी, लेकिन इसके बाद मरम्मत नहीं की गई। इसी तरह केशव कॉलोनी में कुछ सडक़ें महीनों से रेस्टोरेशन की बाट जोह रही हैं। गणेशपुरा में मस्जिद वाली पुलिया से लेकर आदर्श विद्यालय तक जाने वाली रोडपर रेस्टोरेशन नहीं किया गया। इसी तरह महावीरपुरा व दत्तपुरा में भी कुछ सडक़ें लंबे समय से बदहाल पड़ी हैं। इसके अलावा नाला नंबर एक के किनारे पुराना बस स्टैण्ड की पुलिया से लेकर रेलवे क्रॉसिंग तक सीवर लाइन बिछाए जाने के बाद रेस्टोरेशन नहीं कराया गया। अब नाला पाटने के प्रोजेक्ट के तहत दूसरी एजेंसी इस पर सडक़ निर्माण करा रही है। कुल मिलाकर अभी भी शहर में तकरीबन १५-२० किलोमीटर लंबी सडक़ों पर प्रॉपर ढंग से रेस्टोरेशन नहीं कराया गया है। जिसकी वजह से संबंधित क्षेत्र में रहने वाले लोग परेशान हैं।
रेस्टोरेशन के बाद भी बदहाल जेल रोड
कुछ सडक़ों पर सीवर निर्माण एजेंसी ने रेस्टोरेशन का काम भी प्रॉपर ढंग से नहीं कराया है। इस मामले में जेल रोड का उदाहरण दिया जा सकता है। आवागमन के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण इस मार्ग पर डेढ़ साल पहले सीवर लाइन बिछाने का काम किया गया था। लंबे समय तक यूं ही पड़ी रही इस सडक़ पर मरम्मत का जो काम हुआ, वह १५ दिन भी नहीं टिका। रोड पर कुछ इस तरह से डामरीकरण किया गया कि वाहनों का आवागमन शुरू होते ही सडक़ जगह-जगह से धंसक गई। वर्तमान में भी एमएस रोड से लेकर पुलिस परेड ग्राउण्ड के गेट तक लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबाई में यह सडक़ ऊबड़-खाबड़ हुई पड़ी है। कई बार अधिकारी भी इस सडक़ की मरम्मत के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन अभी तक सीवर निर्माण एजेंसी अथवा नगर निगम ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
यह है रेस्टोरेशन का नियम
सीवर लाइन बिछाए जाने के बाद किसी भी सडक़ पर रेस्टोरेशन के लिए समय-सीमा तय है। बताया गया है कि कायदे से पाइप लाइन बिछाए जाने के आठ दिन बाद ही सडक़ का रेस्टोरेशन वर्क शुरू करा दिया जाना चाहिए। सडक़ धंसके नहीं, इसके लिए भी बाकायदा मानदण्ड तय किए गए हैं। लेकिन सीवर निर्माण एजेंसी का अमला इस मामले में बराबर लापरवाही बरतता आ रहा है। क्योंकि नगर निगम भी रेस्टोरेशन को लेकर गंभीर नहीं है।
सडक़ों पर धूल की समस्या
सीवर लाइन बिछाए जाने के बाद जिन सडक़ों पर रेस्टोरेशन नहीं कराया गया, उन पर धूल की समस्या भी गंभीर स्थिति में है। आलम है कि संबंधित क्षेत्रों में दिनभर धूल उड़ती है, जो न सिर्फ घरों में भर रही है, बल्कि श्वांस नली के रास्ते लोगों के फेफड़ों तक पहुंच रही है। लगातार धूल के संपर्क में रहने के कारण शहर के कईलोगों को एलर्जी की समस्या भी हो गई है। धूल से निजात दिलाने की मांग भी लगातार उठती रही है, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।
रेस्टोरेशन के लिए अब बहुत ज्यादा सडक़ें नहीं रह गई हैं। हमने संबंधित एजेंसी को यह काम खत्म करने के लिए बोला है। जब डामरीकरण शुरूहोगा तो जेल रोडपर भी दोबारा मरम्मत कार्य कराया जाएगा।
डीएस परिहार, आयुक्त, नगर निगम