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सबलगढ़-श्योपुर के बीच भी थमी नैरोगेज

locationमोरेनाPublished: Apr 11, 2019 10:58:35 pm

Submitted by:

Vivek Shrivastav

डीजल व मेंटेनेंस का इंतजाम न होने के कारण रेलवे ने रोका संचालन
 
 

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सबलगढ़-श्योपुर के बीच भी थमी नैरोगेज

सबलगढ़. आवागमन के लिहाज से जिले के एक बड़े हिस्से की लाइफ लाइन की जाने वाली नैरोगेज के पहिए अब सबलगढ़ से श्योपुर के बीच भी थम गए हैं। ऐसे में उन तमाम गांवों के लोगों को कहीं भी आने-जाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है, जहां सडक़ परिवहन की प्रॉपर सुविधा उपलब्ध नहीं है। नैरोगेज का सफर कब बहाल होगा, इस बारे में भी लोगों को किसी स्तर से कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।

सुमावली व जौरा के बीच आसन नदी पर बना पुल धंसक जाने से चार दिन पहले ग्वालियर से नैरोगेज ट्रेन का आवागमन बंद कर दिया गया था। हालांकि सबलगढ़ से श्योपुर के बीच टे्रनें चलाई जा रही थीं। लेकिन बुधवार से इस ट्रेक पर भी नैरोगेज का आवागमन रोक दिया गया। इसके बाद से तीन ट्रेनें सबलगढ़ के रेलवे स्टेशन पर खड़ी हुई हैं। सबलगढ़ से श्योपुर के बीच ट्रेनों का आवागमन इसलिए रोका गया है, क्योंकि यहां न तो टे्रनों के लिए डीजल का इंतजाम है, न मेंटेनेंस का। उल्लेखनीय है कि नैरोगेज ट्रेन में खराबी की समस्या अक्सर आती रहती है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि यदि ट्रेन खराब हो गई तो उसे सुधारने के लिए या खींचकर ले जाने की व्यवस्था ग्वालियर से इस समय संभव नहीं है। यही वजह है कि ट्रेनों का संचालन रोकने का निर्णय लिया गया है।

15 हजार रोज की राजस्व हानि


नैरोगेज टे्रन का संचालन बंद होने के कारण अकेले सबलगढ़ रेलवे स्टेशन से ही प्रतिदिन 12-12 हजार रुपए के राजस्व का नुकसान रेलवे को हो रहा है। उल्लेखनीय है कि सबलगढ़ से प्रतिदिन सैकड़ों यात्री इन ट्रेनों के जरिए यात्रा करते थे। इसी तरह जौरा, कैलारस, सुमावली, बानमोर आदि स्टेशनों पर भी भारी राजस्व का नुकसान रेलवे को हो रहा है। यदि ट्रेन का संचालन महीनेभर भी थमा रहा तो राजस्व हानि का आंकड़ा लाखों में पहुंच जाएगा।

अभी भी स्टेशन आ रहे हैं यात्री


सबलगढ़ व आसपास के ग्रामीण अंचल से अभी भी प्रतिदिन सैकड़ों यात्री रेलवे स्टेशन आ रहे हैं। क्योंकि उन्हें फिलहाल ट्रेन का संचालन बंद होने की जानकारी ही नहीं है। गुरुवार को भी अनेक यात्री रेलवे स्टेशन आए और फिर मायूस होकर लौट गए। इसी तरह नैरोगेज के अन्य स्टेशनों पर भी ग्रामीण अंचल के कई यात्री रोज पहुंच रहे हैं। बता दें कि सबलगढ़, वीरपुर, रघुनाथपुर के कई गांवों के लोग यात्रा के लिए वर्षों से नैरोगेज पर ही निर्भर रहे हैं।

बसों में ओवरलोडिंंग बढ़ी


नैरोगेज टे्रन होने के बाद सबलगढ़ से चलने वाली बसों में ओवरलोडिंग होने लगी है। खासकर श्योपुर की ओर जाने वाली यात्री बसों में तो क्षमता से दो-ढाई गुना तक यात्री ढोए जा रहे हैं। यहां से सुबह 7 बजे श्योपुर की ओर जाने वाली बस में गुरुवार केा नीचे व ऊपर तकरीबन डेढ़ सौ लोगों ने यात्रा की। इसी तरह श्योपुर सहित वीरपुर, रघुनाथपुर की ओर जाने वाली अन्य बसों में भी ओवरलोडिंग की यही स्थिति नजर आई। इस वजह से हादसा होने की आशंका भी बढ़ गई है।

सबलगढ़ में न तो डीजल का प्रबंध है न ट्रेनों के मेंटेनेंस का। इसलिए सबलगढ़ से श्योपुर के बीच भी नैरोगेज का संचालन बंद कर दिया गया है।


आरके मीणा, स्टेशन प्रबंधक, सबलगढ़
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