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मुकदमे वापस लेने की मांग
राशन डीलरों ने फर्जी बड़ा कर अपनी अपनी राशन की दुकानों राशन कार्डो की संख्या को बढ़वा लिया था। शिकायत मिलने पर इसकी जांच की गई तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जिसमें कुछ दुकानदारो के खिलाफ मुकद्दमे दर्ज किए गए। राशन कोटेदारों का आरोप है कि सिर्फ कोटेदारों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। घोटाले में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। आज लोकतंत्र बचाओ मोर्चा के बैनर तले राशन डीलरों ने कलेक्ट्रेट पर पहुच कर अपनी मांग रखी। जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
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इस संगठन ने जताया विरोध
लोकतंत्र बचाओ मोर्चा के संस्थापक हाजी इकबाल ने बताया कि 50 जनपदों में जो उचित दर विक्रेताओं के विरुद्ध मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उन्हें वापस लिए जाएं पूर्ति विभाग के जो संबंधित अधिकारी हैं उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए। क्योंकि वह पहले जिम्मेदार हैं डीलरों पर जो मशीनरी से छेड़छाड़ के आरोप लगाए गए हैं वह बेबुनियाद है। क्योंकि मशीनों का पासवर्ड पूर्ति अधिकारी विभाग के अधिकारियों के पास होता है। ऐसे में यदि मशीनों से कोई छेड़छाड़ की गई है तो उसके लिए पूर्ति विभाग के अधिकारी पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। इसके लिए डीलरों की जिम्मेदारी नहीं माना जा सकता। इसलिए पूर्ति विभाग के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने चाहिए ताकि भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सके।
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एनआईसी पर उठाये सवाल
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बिना जांच कराए गए समस्त मुकदमे में पहले पूर्ति विभाग में उपलब्ध रिकॉर्ड की जांच कराई जाए आधार कार्ड दर्ज होने के उपरांत एक ही मशीन पर आधार कार्ड दर्ज माना जाता है। एनआईसी द्वारा आधार कार्ड दर्ज कराते ही राशन निकाल लिया है वह गलत है। इसके लिए एनआईसी विभाग की जांच कराई जानी चाहिए। इसलिए हम मांग राज्यपाल से यह मांग करते हैं कि घटना की न्यायिक जांच की जानी चाहिए।