यह सऊदी अरब के साथ ही अमरीकी प्रशासन के लिए एक फटकार की तरह होगा जो यह तर्क देती रही है कि सऊदी अरब मध्य पूर्व में ईरान पर लगाम लगाने और वैश्विक तेल की कीमतों को स्थिर रखने की दिशा में महत्वपूर्ण है। मतदान के पक्ष में 63 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 37 वोट पड़े, जिसे पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में कथित रूप से सऊदी अरब की भूमिका होने को लेकर सीनेट के गुस्से और उसके विरोध में मजबूत संकेत के तौर पर माना जा रहा है। इससे पहले बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री जैम्स मैटिस ने विपक्ष को प्रस्ताव के खिलाफ लॉबी करने के लिए संक्षिप्त रूप से संबोधित किया था।
उधर यमन के हौती विद्रोहियों ने बीते सोमवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र की मांग के जवाब में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और उनके सहयोगियों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों को रोक रहा है। बता दें कि यमन में चल रहे गृह युद्ध के चलते 10,000 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गई है और इस युद्ध ने देश को भुखमरी के कगार पर धकेल दिया है। सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के इस युद्ध से पीछे हटने के बाद यमन के विद्रोहियों ने ये घोषणा की है। हौथी विद्रोहियों ने एक बयान में कहा, “दूतावास के साथ हमारे संपर्कों के बाद तथा ड्रोन और मिसाइल हमलों को रोकने के उनके अनुरोध के बाद हम अपनी पहल की घोषणा करते हैं।