हमले के पीछे तालिबान का हाथ इस हमले के पीछे तालिबानी आतंकियों का हाथ माना जा रहा है। इससे पहले बीते हफ्ते कई वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर्स पर आतंकियों ने बम विस्फोट की घटनाओं को अंजाम दिया था। बीते गुरुवार को अज्ञात हथियारबंद हमलावरों ने घोर प्रांत के वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर पर हमला कर दिया था और दो अधिकारियों को अगवा कर लिया था। इस हमले के पीछे तालिबान का हाथ होने की आशंका थी।
रविवार का विस्फोट पश्चिमी कबाब का एक क्षेत्र दश्त-ए-बर्की में हुआ, जो मुख्य रूप से शिया हजारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं। इन समुदायों को अफगानिस्तान में बार-बार निशाना बनाया जाता है। अफगान अधिकारियों का कहना है कि आतंकी संगठन संसदीय चुनावों को बाधित करना चाहते हैं। इसी मकसद से मतदाता पहचान केंद्रों पर लगातार हमले जारी है। आज का हमला भी उसी का हिस्सा है।
पीडि़तों की संख्या में हो सकता है इजाफा गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानेश ने कहा कि मतदाता पहचान केन्द्र पर चुनाव अधिकारी इस वर्ष होने वाले संसदीय चुनावों के लिए मतदाताओं को पहचान पत्र जारी कर रहे थे। काबुल पुलिस प्रमुख के सलाहकार अशमत स्टेनकेजई ने कहा कि कम से कम 31 लोग मारे गए और 50 से ज्यादा घायल हो गए है। उन्होंने कहा कि मृतकों और घायलों की संख्या में इजाफा हो सकता है।