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सीरिया को तबाह कर सकते हैं अमरीका, फ्रांस और ब्रिटेन के ये घातक हथियार

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6 years ago
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गृह युद्ध की आग में झुलस रहे सीरिया पर मिसाइल हमले शुरू हो गए हैं। अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया में हुए रासायनिक हमलों के बाद से बशर अल असद सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिसाइल हमले का आदेश दे दिया है। इस हमले में सीरिया के खिलाफ सभी देश अपने घातक हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं सीरिया ने अपने बचाव के लिए रूस निर्मित एंटी गाइडेड मिसाइल का इस्तेमाल कर रहा है।

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सीरिया के खिलाफ कार्रवाई में अमरीका होम्स के सैन्य हवाईअड्डे पर मिसाइल अटैक किया है। अमरीका के पास टॉम हॉक क्रूज मिसाइल है जो किसी भी टार्गेट ध्वस्त करने में माहिर है। इसकी गति 1600 किलोमीटर है और गति 855 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस मिसाइल को समुद्री पोत की मदद से भी दागा जा सकता है। (चित्र: टॉम हॉक मिसाइल)

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इसके अलावा अमरीका के पास एफ-16, बी—52 बॉमर जैसे लड़ाकू विमान के साथ प्रिडेटर एंड रिपर ड्रोन हैं जो किसी भी सेना के रडार को ध्वस्त कर हमला कर सकते हैं। (चित्र: एफ-16 मिसाइल)

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गौरतलब है कि अमरीका के पास रिम-7 सी स्पैरो,एमआईएम -103 पेट्रियट,रिम-116 रोलिंग एयरफ्रेम मिसाइल,आरजीएम-84 हापून जैसी खतरनाक मिसाइलें हैं, जो सीरिया को नेस्तानांबूत कर सकतीं हैं। यह मिसाइलें लेजर गाइडेड हैं जिसकी मदद से छिपे हुए दुश्मन को भी निशाना बनाया जा सकता है। (चित्र: बी-52 बॉम्बर)

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फ्रांस के पास मैसयूर्का,रोलाड, मिस्ट्रल और अभ्रक जैसी अचूक मिसाइलें हैं। इन मिसाइलों की मदद फ्रांस अपने दुश्मनों को कही भी मार सकता है। इन हथियारों इस्तेमाल उसने इराक के मोसुल क्षेत्र में किया था। मिसाइल की खासियत है कि उनकी रफ्तार आवाज से भी तेज है। (चित्र: ए-10 एयरक्राफ्ट)

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वहीं ब्रिटेन के पास थंडरबर्ड,लेजर स्टारबर्स्ट,लेजर सीआईएम मिसाइलें हैं जो पलक झपकते ही अपने टार्गेट को ध्वस्त कर सकती हैं। यह मिसाइलें टार्गेट की पोजीशन बदले के साथ ही अपनी पोजीशन भी बदल लेती है। (चित्र: सी-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट)

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सीरिया के पास भी रूस निर्मित मिसाइलें मौजूद हैं। इनकी मदद से वह मिसाइल हमले से बचाव कर रहा है। उसके पास रूस की एंटी गाइडेड मिसाइल का इस्तेमाल कर रहा है। इसकी मदद से वह अपना बचाव कर रहा है। मगर उसके पास लंबी दूरी की मिसाइलें नहीं हैं। (चित्र: प्रिडेटर एंड रीपर ड्रोन)

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अभी तक वह विद्रोहियों से लड़ने के लिए एंटी टैंक मिसाइलों का ही इस्तेमाल कर रहा है। अगर रूस उसका साथ नहीं देता है तो उसे भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। (चित्र: यूएसएस हैरी ट्रूमैन कैरियर स्ट्राइक)

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