‘साइलेंट वेज थेफ्ट’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में खुलासा
सोमवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय शिक्षक बैस्सिना फार्बेनब्लम ने कहा, ‘बेशर्म नियोक्ताओं द्वारा आव्रजक मजदूरों का उत्पीड़न जारी है क्योंकि वे जानते हैं कि यह लोग शिकायत नहीं करेंगे।’ बताया जा रहा है कि ‘साइलेंट वेज थेफ्ट’ शीर्षक वाले अध्ययन में खुलासा हुआ है कि ऑस्ट्रेलिया में 10 फीसदी से भी कम अंतरराष्ट्रीय छात्र और बैकपैकर्स उन्हें नहीं दिया गया मेहनताना प्राप्त कर सकते हैं अगर वे इस बात को लेकर जागरूक हों कि उन्हें कानून में तय से कम का भुगतान किया जा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में कम भुगतान वाले मजदूरों की संख्या अधिक
फार्बेनब्लम ने कहा कि इस अध्ययन में पुष्टि हुई है कि ऑस्ट्रेलिया में बहुत कम भुगतान किए जाने वाले आव्रजक मजदूरों की एक विशाल संख्या है। अध्ययन में 107 देशों से आए 4,300 विदेशी अस्थायी मजदूरों का साक्षात्कार लिया गया है।