यूनिवर्सल सोसायटी ऑफ हिंदुइज्म के प्रेसिडेंट की अपील
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सल सोसायटी ऑफ हिंदुइज्म के प्रेसिडेंट राजन जेद ने रिजर्व से अपील की है कि वे हिंदुओं की भावना का सम्मान करें। राजन ने आरबीए गवर्नर फिलिप लोव से भी इस मामले को गंभीरता से लेने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि नोट छपाई के बारे में खर्च करने से पहले ही धार्मिक संवेदनशीलताओं के बारे में अच्छे से विचार-विमर्श कर लेना चाहिए। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में वर्ष 2019 में करीब 20 डॉलर के और 2020 में लगभग 100 डॉलर के नए नोट्स बाजार में छापे जाने की योजना है।
पहले भी गरमाया था विवाद
साल 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, इस देश में हिंदुओं की आबादी 4 लाख 40 हजार के आसपास है। हिंदुओं के अलावा कई शाकाहारी लोगों ने भी बैंक नोट में बीफ की कोटिंग पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। आपको याद होगा कि इससे पहले साल 2016 में नोट में जानवर के फैट मिलने पर विवाद गरमाया था। उस वक्त वहां के बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ट्विटर पर इस बात को माना था कि उनके नोट के इस्तेमाल किए जाने वाले पॉलिमर बेस में कुछ कम मात्रा में एनिमल फैट मिलाया गया था। लेकिन उन्होंने इसका दोष सप्लायर पर मढ़ा।